
Madhya Pradesh News: ग्वालियर में शुक्रवार शाम जंगल में एक युवक की लाश मिली थी, जिसे लेकर अब तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. मृतक दो दिनों से गायब था. परिजनों का आरोप है कि मृतक को पुलिस जुआ के फड़ से पकड़कर ले गई थी. हालांकि बीस हजार में छोड़ने की बात भी हुई, लेकिन ले जाते समय की गई पिटाई से उसकी मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने शव को जंगल में फेंक दिया. इधर, शव को कब्जे में लेने के लिए पुलिस मृतक के परिजनों को सीमा क्षेत्र के विवाद में कई घंटों तक थाना दर थाना घुमाती रही. देर रात अफसरों के हस्तक्षेप के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया.
जंगल में मिला युवक का शव
दरअसल, बिजौली और बिलौआ थाना इलाके के जंगल में शाम को एक शव मिला. यह शव सिंघारपुर के रहने वाले शमशाद खान की थी. शमशाद दो दिन से लापता था. परिजनों का कहना है कि पुलिस ने दो दिन पहले गांव में जुए के एक फड़ पर छापा मारा था और वहां से शमशाद को पकड़कर ले गई थी. बाद में परिजनों से बीस हजार लेकर छोड़ने की डील हुई. हालांकि बाद में पुलिस कहने लगी कि शमशाद तो मौके से भाग गया था. पुलिस और परिजन लगातार उसकी खोज में सर्चिंग कर रहे थे, लेकिन आज अचानक सिंघारपुर के जंगल में रहस्यमय ढंग से यवलक का शव मिला.
परिजनों का पुलिस पर गंभीर आरोप
परिजनों का कहना है कि जहां शव मिला है, उस जगह ग्रामीण और पुलिस दोनों कई बार सर्चिंग कर चुके थे. फिर अचानक वहां यह लाश कैसे आ गई? परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से शमशाद की मौत हो गई. उसके बाद इसकी लाश जंगल में फेंक दी गई.
परिजन बिलौआ और बिजौली थानों के बीच काटते रहे चक्कर
परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस थानों के सीमा विवाद के चलते सात आठ घंटा तक परिजनों को परेशान करते रहे. परिजन बिलौआ और बिजौली थानों के बीच चक्कर काटते रहे. दोनों थानों की पुलिस कार्रवाई के नाम पर एक दूसरे पर टालते रहे. वहीं अफसरों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस की कार्रवाई हुई और शव को पीएम के लिए भेजा गया.
पुलिस का कहना है कि श्मशाद की मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चल पाएगा. परिजन का आरोप निराधार है.