Corruption in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का डिंडौरी (Dindori) ज़िले में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. आदिवासी बाहुल्य इस ज़िले में विकास के नाम पर सरकारी कामों में भ्रष्टाचारी और लापरवाही अपने चरम पर है. ताजा मामला जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत देवरा का है. यहां लोकनिर्माण विभाग ने कुछ दिन पहले ही 64 लाख रूपये की लागत से CC रोड का निर्माण कराया है जो अब जगह-जगह से उखड़ने लगी है. स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह से भी की लेकिन अबतक कार्रवाई तो दूर किसी ने जांच तक की जहमत भी नहीं की. गौरतलब है कि लोकनिर्माण विभाग की तरफ से जिस सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है वो सड़क नर्मदा परिक्रमा पथ है और इसी सड़क से रोजाना सैंकड़ों परिक्रमावासी पैदल गुजरते हैं.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी MP की ये सड़क
दरअसल, जिला मुख्यालय से बिल्कुल सटे ग्रामपंचायत देवरा में नर्मदा नदी के किनारे हंसनगर मोहल्ले के रहवासी लंबे वक्त से सड़क की मांग कर रहे थे तब जाकर सालों बाद यहां के रहवासियों को सड़क की सौगात मिली थी लेकिन वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. मामले में खास बात यह है कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क नर्मदा परिक्रमा पथ भी है और इसी सड़क से रोजाना सैंकड़ों नर्मदा परिक्रमावासी पैदल गुजरते हैं. हंसनगर निवासी बुजुर्ग राजनारायण दीक्षित ने बताया की सड़क निर्माण काम रात के अंधेरे में किया जाता था ताकि आसानी से भ्रष्टाचार किया जा सके. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सड़क निर्माण में न ही गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है और न ही मानकों का पालन किया गया है. सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय रहवासियों में आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने जिले के जिम्मेदार अधिकारीयों से लेकर लोकनिर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह से शिकायत कर जांच की मांग की है. NDTV से बात करते हुए शहर के जागरूक युवा अधिवक्ता सम्यक जैन ने सड़क निर्माण के नामपर हुए भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशासन तक पहुंचाने की बात कही है.
चलते-चलते पैरों से उखड़ रहा कंक्रीट
सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जब हमने लोकनिर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री से सवाल किए तो साहब अजीबोगरीब दलीलें देते हुए नजर आ रहे हैं. साहब का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान गाड़ियों की आवाजाही जारी रहने की वजह से कुछ जगहों पर खराबी आई है जिसे जल्द मरम्मत कर ठीक कर लिया जायेगा. सरकारी निर्माण कार्यों के गाइडलाइन के मुताबिक, निर्माण स्थल पर सूचना पटल भी नहीं लगाया गया है ताकि निर्माण सम्बंधित जानकारी को छुपाया जा सके. जब सूचना पटल नहीं लगाये जाने को लेकर कार्यपालन यंत्री से पूछा गया तो उनका कहना यह है कि सूचना पटल चोरी हो गया है. इस मामले के उजागर होते ही प्रदेश में प्रशासनिक वादों की ज़मीनी हकीकत भी उजागर हो गई है.
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