MP Cyber Crime: मध्य प्रदेश साइबर ठगों के लगातार निशाने पर है. साइबर ्अपराधाी मध्य प्रदेश को आसान टारगेट बना लिया है और लगातार ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसके प्रमाण प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले है. आकंड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में डिजिटल ठगी के मामलों में 130 फीसदी वृद्धि है, जो बेहद चौंकाने वाले हैं.
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डिजिटल अरेस्ट कर भोपाल की डॉक्टर रागिनी मिश्रा से 10 लाख की ठगी
गौरतलब है साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर भोपाल की डॉक्टर रागिनी मिश्रा से 10 लाख की ठगी को अंजाम दिया. जालसाजों ने उन्हें कुल तीन दिन तक उनके अपने ही घर में कैद करके रखा था. यही नहीं, साइबर अपराधी इंजीनियर, पुलिस किसी को भी शिकार बनाने से नहीं चूक रहे हैं.
2024 में MP में साइबर ठगी के 26 केस दर्ज हुए, 38 आरोपी हुए गिरफ्तार
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किए गए साइबर ठगी का आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2024 में प्रदेश में साइबर ठगी के 26 मामले दर्ज किए गए और 12.60 करोड़ की ठगी की गई. पुलिस ने 38 लोगों को गिरफ्तार किया था और करीब 73 लाख की रिकवरी की थी. साल 2023 में साइबर ठगी का सिर्फ 1 केस सामने आया था और 96,968 की ठगी की गई थी.
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2024 में हुए साइबर फ्रॉड से कुल 93.60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ
मध्य प्रदेश में साल 2024 में हुए साइबर फ्रॉड से कुल 93.60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जबकि साल 2023 में महज44.26 करोड़ का नुकसान हुआ था. इस तरह साल 2023 की तुलना में साल 2024 में साइबर मामलों में 17 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है और प्रभावितों में सबसे अधिक लोग राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर से थे.
ठगों से बचने के लिए साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर याद रख लें
मध्य प्रदेश के लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन का नंबर 1930 कंठस्थ कर लेना जरूरी है, क्योंकि साइबर ठग किसी भी रूप में ठगी को अंजाम दे सकते हैं. फेक कस्टमर केयर कॉल, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड और ओटीपी शेयर जैसे हथियार से लगातार हमले कर रहे हैं.
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रोज नए तरीके अपनाकर डिजिटल इललेट्रेसी का फायदा उठा रहे ठग
AIG स्टेट सायबर सेल वैभव श्रीवास्तव के मुताबिक साइबर क्रिमिनल रोजाना नए-नए तरीके अपना रहे हैं और वो डिजिटल इल लेट्रेसी का फायदा उठाकर लोगों के डर, आलस और लालच पर टारगेट करते हैं. वो डिजिटल अरेस्ट की बात करते हैं,ये पुलिस NIA ,CBI के अधिकारी बनकर भी ठगते हैं और जानकारी के अभाव में लोग फंसकर ठगे जाते हैं.
AIG स्टेट सायबर सेल ने बताया कि आजकल टास्किंग फ्रॉड भी बहुत अधिक चल रहा है, जिसमें घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया जाता है और होटल वेबसाइट अन्य वेबसाइट के जरिए पैसे ठगे जाते हैं , शेयर के नाम पर भी ठगी हो रही है, ट्रेजरी ऑफिसर बनकर बुजुर्गों से पेंशन के नाम पर ठग की जा रही है ,इसमें डॉक्यूमेंट माँगे जाते हैं.
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सरकार ने विधानसभा में पेश किए साइबर फ्रॉड के चौंकाने वाले आंकड़े
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल के जवाब में सरकार ने विधानसभा में साइबर फ्रॉड के चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए. उन्होंने बताया कि साल 2024 में डिजिटल अरेस्ट के 26 मामले सामने आए और ठगों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के नाम पर लोगों से 12.60 करोड़ रुपये की ठगी की.
2024 में साइबर अपराध में शामिल 38 अभियुक्त गिरफ़्तार किए गए
सदन में सवालों के जवाब में सरकार ने बताया कि साइबर ठगी में साल 2024 में अब तक 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से अधिकतर आरोपी राजस्थान, बिहार, गुजरात, केरल और जम्मू-कश्मीर से हैं. बताया गया कि साल 2023- 2024 में साइबर फ्रॉड में प्रदेश के लोगों को 150 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.
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2023 में साइबर फ्रॉड के 444, तो साल 2024 में 521 मामले दर्ज हुए
2023 में मध्य प्रदेश में साइबर फ्रॉड से जुड़े 444 मामले दर्ज हुए, जिनमें 44.26 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि साल 2024 में मामलों की संख्या बढ़कर 521 हो गई, यानी प्रदेश में साइबर हमलों की तादाद में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और नुकसान बढ़कर 93.60 करोड़ तक पहुंच गया, जो 111% की वृद्धि दर्शाती है.
साल 2023 में साइबर ठगी के शिकार हुए कुल 8.71 करोड़ (20%) की रिकवरी हुई थी, जबकि 2024 में अब तक ₹8.54 करोड़ (9%) की ही रिकवरी हो पाई है. इन मामलों में इंदौर सबसे अधिक प्रभावित शहर है, जहां 2023 में 184 मामले और 2024 में 141 मामले दर्ज हुए. राजधानी भोपाल में 2023 में 53 मामले और 2024 में 77 मामले दर्ज हुए.
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