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This Article is From Feb 18, 2024

जटायु संरक्षण अभियान : MP में चल रही गिद्ध गणना, जानें आखिर कैसे गिने जाते हैं आसमान में उड़ते पक्षी

गिद्धों की सही गणना करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह-सुबह सूर्य उदय के समय जंगलों में जाना पड़ता है और गिद्धों के घोंसले को मॉनिटर किया जाता है. इन घोसलों की मॉनिटरिंग करने के बाद ही पता चलता है कि उस घोंसले में कितने वयस्क और कितने बच्चे हैं.

जटायु संरक्षण अभियान : MP में चल रही गिद्ध गणना, जानें आखिर कैसे गिने जाते हैं आसमान में उड़ते पक्षी
कैसे होती है गिद्ध गणना?

Vulture Count in MP : मध्य प्रदेश में जटायु संरक्षण अभियान के तहत गिद्ध गणना चल रही है. रविवार को रीवा जिले में तीन दिनों तक चली गिद्ध गणना समाप्त हो गई जिसके आंकड़े बेहद सकारात्मक हैं. इससे पहले 2021 में हुई गणना के मुकाबले इस बार रीवा में दोगुने से ज्यादा गिद्ध देखे गए. पिछली गणना में क्षेत्र में 345 गिद्ध नजर आए थे. जबकि इस बार ये आंकड़ा 700 के पार पहुंच गया है. जबलपुर में भी हर वर्ष की तरह इस साल की गिद्ध गणना चालू हो गई है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पहले दिन 81 गिद्ध देखने को मिले. यहां पर 70 वयस्क और 11 अवयस्क गिद्ध मिले हैं.

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कान्हा टाइगर रिजर्व में दिखे 169 गिद्ध

मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व में भी चल रहे पक्षी सर्वेक्षण और प्रदेशव्यापी गिद्ध गणना का रविवार को समापन हुआ. कान्हा में हुए इस चार दिवसीय छठवें पक्षी सर्वेक्षण में पिछले बार हुए सर्वेक्षणों के मुकाबले 4 नई प्रजाति के पक्षी देखे गए. वहीं पार्क गिद्ध गणना में पार्क क्षेत्र में गिद्धों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. तीन दिवसीय गिद्ध गणना में पार्क क्षेत्र में 169 गिद्ध देखे गए हैं.

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कैसे होती है गिद्ध गणना?

गिद्धों की सही गणना करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह-सुबह सूर्य उदय के समय जंगलों में जाना पड़ता है और गिद्धों के घोंसले को मॉनिटर किया जाता है. इन घोसलों की मॉनिटरिंग करने के बाद ही पता चलता है कि उस घोंसले में कितने वयस्क और कितने बच्चे हैं. यह पूरा काम वन विभाग के हर एक बीट गार्ड और उनके कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है जिससे हर एक घोंसले को अलग-अलग काउंट किया जाता है. इससे पूरे जंगल का डेटा और गिद्धों की गणना अच्छी तरह से हो जाती है.

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