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This Article is From Feb 18, 2024

सबसे खतरनाक नक्सली हिड़मा के गांव में पहली बार लहराया तिरंगा, मां को एपसी ने दिया ये आश्वासन

Madvi Hidma Village: सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. माड़वी हिड़मा के गांव में सुरक्षाबलों ने डेरा डाल दिया है. साथ ही यहां आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया है.

सबसे खतरनाक नक्सली हिड़मा के गांव में पहली बार लहराया तिरंगा, मां को एपसी ने दिया ये आश्वासन
सुकमा में आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया

Police Camp in Sukma: सुकमा (Sukma) जिले को नक्सलियों की पीएलजीए (PLGA) बटालियन का मजबूत गढ़ माना जाता है. खूंखार नक्सली क्षेत्र माने जाने वाले पूवर्ती गांव में आजादी के बाद पहली बार रविवार को तिरंगा फहराया गया. सुकमा एसपी किरण चव्हाण (Kiran Chauhan) समेत सीआरपीएफ और कोबरा फोर्स (Cobra Force) के अधिकारियों ने तिरंगा फहराकर सलामी दी. शनिवार को पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों को कई साल के संघर्ष के बाद नक्सलियों के गढ़ में सिक्योरिटी कैंप खोलने में कामयाबी मिली थी.

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माओवादियों के खिलाफ टैक्टिकल हेडक्वार्टर

पूवर्ती गांव में स्थापित कैंप को सुरक्षाबल माओवादियों के खिलाफ टैक्टिकल हेडक्वार्टर के रूप में इस्तेमाल करेंगे. कैंप स्थापना के बाद आसपास के इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा. नक्सली कमांडर हिड़मा की मां से सुरक्षाबल के अधिकारियों ने मुलाकात भी की है. 

हिड़मा की मां को दी जाएंगी बुनियादी सुविधाएं

सुरक्षाबल के अधिकारियों ने नक्सली कमांडर हिड़मा की मां को तमाम बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन दिया है. नक्सलियों का हेडक्वार्टर होने की वजह से पूवर्ती गांव को छोड़कर लोग जंगल की तरफ भाग गए थे. उन सभी से सुरक्षाबलों ने गांव लौटने की अपील की है.

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नक्सलियों के मनोबल को झटका

बस्तर में बीते चार दशकों से नक्सलियों के खिलाफ जंग जारी है. अब यह लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. पूवर्ती में कैंप स्थापित कर जवानों ने नक्सलियों के मनोबल को करारा झटका दिया है. कभी इन इलाकों में सुरक्षाबल के जवान जाने से घबराते थे लेकिन नक्सलियों के मजबूत इलाकों में बीते ढाई महीने में 7 कैंप खोले गए हैं. 

नक्सलियों के खेत पर जवानों का कब्जा

पूवर्ती गांव के करीब नक्सलियों ने 3 से 4 एकड़ जमीन में सब्जी की फसल की है. संगठन में रहने वाले लड़कों के लिए  नक्सली कई प्रकार की सब्जियां उगाते हैं. गांव के बाहर नक्सलियों ने मोर्चे भी तैयार कर रखे हैं. लेकिन अब इन सबके ऊपर सुरक्षाबलों ने अपनी हुकूमत जमा ली है.

नक्सलियों के रेस्ट रूम और स्कूल को बनाया वॉर रूम

पूवर्ती गांव के बीचों बीच नक्सलियों ने अपने रहने के लिए झोपड़ी का निर्माण किया था जिसे रेस्ट रूम की तरह इस्तेमाल किया जाता था. इसके अलावा नक्सलियों की झोपड़ी में जनताना सरकार के स्कूल का संचालन किया जा रहा था. सुरक्षाबलों के कब्जे के बाद इन झोपड़ियों को वॉर रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.

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