Sharad Purnima 2023 : जैनों के प्रमुख संत आचार्य मुनि विद्यासागर जी (Muni Shree Vidyasagar) का जन्मदिवस हर साल शरद पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन जन्मे दिगंबर सरोवर के राजहंस विद्यासागर जी के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं.
बचपन में रखा विद्याधर नाम
जैन धर्म में सत्य, तपस्या और अहिंसा की अलख जलाने वाले आचार्य मुनि विद्यासागर जी महाराज का जन्मदिन अश्विन शुक्ल पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलगांव ज़िले के गांव चिक्कोड़ी में शरद पूर्णिमा के दिन विद्यासागर जी महाराज का जन्म हुआ और बचपन में उनका नाम विद्याधर रखा गया था.
हिंदी-अंग्रेज़ी समेत 8 भाषाओं के हैं ज्ञाता
विद्यासागरजी महाराज की प्रारंभिक शिक्षा कन्नड़ भाषा में हुई. 9 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प ले लिया, 9 साल की उम्र में जैनों के संत आचार्य श्री शांति सागरजी महाराज के प्रवचन सुनते थे. विद्यासागर जी महाराज को कन्नड़ के साथ-साथ अंग्रेज़ी, हिन्दी, संस्कृत, बांग्ला भाषाओं में महारत हासिल है. आचार्य मुनि हिंदी-अंग्रेज़ी समेत 8 भाषाओं के ज्ञाता हैं और उनके द्वारा रचित महाकाव्य मूकमाटी बेहद चर्चित है.
गौ सेवा प्रथम
विद्यासागर जी के लिए गायों की सेवा करना सर्वोपरि है. आज देश में कई ऐसी गौशालाएं चल रही हैं जो विद्यासागर जी ने खुलवाई हैं, इसके अलावा स्वाध्याय शालाएं, औषधालय महाराज जी की प्रेरणा और आशीर्वाद से स्थापित किए गए हैं. मांस निर्यात के विरोध में जनजागरण अभियान के ज़रिए पूरे देश में शाकाहार का संदेश देने वाले आचार्य विद्यासागरजी के नाम पर अमरकंटक में सर्वोदय तीर्थ नामक एक सहायता केंद्र भी चल रहा है, खास बात ये है कि इस केंद्र में विकलांगों का निःशुल्क उपचार किया जाता है.
अटल बिहारी बाजपेई से लेकर पीएम मोदी तक ले चुके हैं आशीर्वाद
जैन मुनि विद्यासागर जी के चरणों में पूरे देश के नेतागण झुकते हैं. साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के हबीबगंज स्थित जैन मंदिर पहुंचकर जैन मुनि विद्यासागरजी महाराज से भेंट की थी और क़रीब 10 मिनट तक अकेले में विद्यासागर जी ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय मुद्दों पर सलाह दी थी. इसके अलावा साल 1999 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इंदौर के गोम्मटगिरि पहुंचकर मुनि श्री विद्यासागरजी महाराज का आशीर्वाद लिया था.
विशेष निमंत्रण पर पहुंचे थे विधानसभा
आचार्य मुनि विद्यासागर महाराज देश के पहले ऐसे दिगंबर मुनि हैं, जिन्होंने दीक्षा के 50 साल पूरे कर लिए हैं. आचार्य श्री अपना अधिकतर समय बुंदेलखंड में बिताना पसंद करते हैं इसलिए उनके अधिकतर चतुर्मास भी बुंदेलखंड के विभिन्न क्षेत्रों में किए जाते हैं. साल 28 जुलाई 2016 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री CM शिवराज सिंह चौहान ने मुनि जी से आग्रह किया था कि उनके चरण एमपी विधानसभा में पड़े. तब सीएम शिवराज के विशेष निमंत्रण से आचार्य मुनि विद्यासागर मध्य प्रदेश की विधानसभा में प्रवचन करने पहुंचे थे. आचार्य मुनि के पहुंचते ही पूरी विधानसभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी थी.
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