Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने लोकतंत्र सेनानी (मीसाबंदी) के पुत्र अजीत सिंह आनंद की याचिका पर राज्य सरकार और कलेक्टर जबलपुर से जवाब मांगा है. यह मामला लोकतंत्र सेनानी की विधवा के उपचार के खर्च का भुगतान न किए जाने से जुड़ा है.
ये है पूरा मामला
याचिकाकर्ता अजीत सिंह आनंद जबलपुर के आदर्श नगर,गौरीघाट के निवासी हैं. उन्होंने अदालत में यह दलील दी है कि उनकी मां हरजीत सिंह कौर को जिन्हें लकवा और हृदय रोग था. इनका इलाज कराने के लिए सरकार द्वारा आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने कर्ज लेकर उपचार कराया था. उनकी मां 18 दिसंबर, 2023 को इलाज के दौरान निधन हो गया था.
सरकार का नोटिफिकेशन है कि लोकतंत्र सेनानी और उनकी पत्नी को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी. अजीत ने कलेक्टर से इस आधार पर मदद मांगी थी, लेकिन मां के निधन के बाद सरकार ने इस राशि का भुगतान करने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की.
इस बार भी जिला कलेक्टर ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया था,लेकिन मां की मृत्यु के बाद सरकार ने उपचार की राशि देने से इंकार कर दिया, जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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लोकतंत्र सेनानी कौन होते हैं ?
लोकतंत्र सेनानी वे व्यक्ति होते हैं जिन्हें आपातकाल (1975-77) के दौरान सरकार द्वारा मीसा (MISA) या डीआईआर (DIR) कानूनों के तहत जेल में बंद किया गया था. इन सेनानियों को राज्य सरकार द्वारा सम्मान स्वरूप मासिक पेंशन दी जाती है. मध्य प्रदेश में वर्तमान में लोकतंत्र सेनानी को करीब ₹25,000 मासिक पेंशन दी जाती है, जबकि उनकी विधवाओं को भी यह पेंशन जारी रहती है.
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