MP News In Hindi : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर आई है. गांधी मेडिकल की पीजी सीट छोड़ने के बदले 30 लाख रुपये वसूलने के मामले में जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने राज्य शासन, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन और गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के डीन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
30 लाख रुपए का जुर्माना भरना होगा
सीहोर निवासी डॉ. राजकुमार अहिरवार के अधिवक्ता ने पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने 2022 में मेडिकल कॉलेज में एमडी (पीडिएट्रिक्स) में प्रवेश लिया था. याचिकाकर्ता से नवंबर 2022 को सीट लीविंग बॉन्ड भरवाया गया, जिसमें लिखा था कि कोर्स पूरा करने से पहले यदि वह सीट छोड़ता है, तो उसे 30 लाख रुपए का जुर्माना भरना होगा. वरना मूल शैक्षणिक दस्तावेज वापस नहीं किए जाएंगे.
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वसूली गई राशि वापस कराई जाए
जनवरी 2023 में याचिकाकर्ता ने गांधी मेडिकल कॉलेज को 30 लाख रुपये दिए और सीट छोड़ दी. दलील दी गई कि संसद में स्वास्थ्य मंत्री ने सीट लीविंग बांड का मुद्दा उठाया था, जिसमें सरकार ने इसे वापस लेने की बात कही थी. नेशनल मेडिकल कमीशन ने जनवरी 2024 को सभी राज्य सरकारों को सीट लीविंग बांड को समाप्त करने पुनर्विचार करने कहा था. याचिका में मांग की गई कि सीट छोड़ने के बदले वसूली गई राशि वापस कराई जाए.
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