इंदौर में लव जिहाद फंडिंग के आरोपी पूर्व पार्षद अनवर कादरी ने अपनी जमानत के लिए पेश आवेदन में चौंकाने वाला दावा किया है. कादरी की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया है कि वह पिछले 15 वर्षों से पार्षद पद पर थे. भारतीय जनता पार्टी की ओर से उन पर संगठन में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा था, जब उन्होंने इनकार किया तो उन्हें झूठे मामले में फंसा दिया गया.
आरोपी पूर्व पार्षद अनवर कादरी ने जमानत आवेदन में कहा कि जेल में रहने से उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. उसका इस प्रकरण से उनका कोई संबंध नहीं है. हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अनवर कादरी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
पांच नवंबर को पद से हटाया था
बता दें कि इंदौर नगर निगम के वार्ड 58 से पार्षद रहे अनवर कादरी को 5 नवंबर को पद से हटा दिया गया था. साथ ही आगामी पांच वर्षों तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित किया गया है. कादरी के खिलाफ एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 506, 392, 324, 307, 452, 341, 427 सहित 25 आर्म्स एक्ट, धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम और अन्य गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं.
दो युवकों ने लगाए थे आरोप
दरअसल, लव जिहाद फंडिंग का यह मामला जून महीने का है, जब एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दो युवकों ने आरोप लगाया था कि अनवर कादरी ने उन्हें पैसे दिए थे, ताकि वे हिंदू महिलाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर सकें. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.
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