
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की शिवराज सरकार ( Shivraj Sarkar) ने किसानों से चुनाव के पहले एमएसपी (MSP) पर गेहूं 2700 रुपए क्विंटल, धान 3100 रुपए क्विंटल और गन्ने की कीमत के अलावा 50 रुपए बोनस देने का ऐलान किया था. जिसके बाद किसानों ने बीजेपी को वोट देकर रिकार्ड तोड़ जीत दिलवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन सरकार किसान का दर्द समझ नहीं रही और अब तक किसानों से किए वादों से मुकर रही है.
पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने राज्य सरकार को सौंपा ज्ञापन
कुछ समय पहले नर्मदापुरम के पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने राज्य सरकार को ज्ञापन देकर मांग की, कि उनकी फसल के लिए जो दाम चुनाव के दौरान बोले गए थे उन्हें अब वो कीमत दी जाए. जिसके बाद भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा. मजबूर होकर किसान अब आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.
आर - पार की लड़ाई के लिए तैयार दिख रहे हैं किसान
नर्मदापुरम जिले के किसान अब सरकार से गांधीवादी तरीके से लड़ने के लिए तैयार दिख रहे हैं. चुनाव के समय किए वादों को पूरा नहीं करने पर किसान अब आर - पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. जिले के पिपरिया विकास खंड के पोसेरा गांव में किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. किसानों की मांग है की विधान सभा चुनाव के समय जो शिवराज सरकार ने एमएसपी पर फसल खरीदने का जो वादा किया था उसे अब पूरा किया जाए.
आमरण अनशन पर बैठे किसान अशोक रघुवंशी ने बताया कि चुनाव के समय किए वादे पूरे नही किए सरकार ने इसलिए मजबूरी में हम अनशन पर बैठ गए हैं. वहीं दूसरे किसान बसंत पाठक बताते हैं सरकार ने किसानों से वोट लेने के लिए चुनाव के पहले वादे किए पर अब सरकार किसानों को भूल गई इसलिए अनशन पर बैठना पड़ रहा है. किसान जितेंद्र भार्गव बताते हैं ये आंदोलन अब बढ़ेगा. इस अनशन में और किसान शामिल होंगे और सरकार ने जो वादे किए थे उन्हे हम पूरा करवाएंगे.
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किसान मनोज कटकवार बताते हैं कि सरकार ने किसानों से झूठ बोला है. हम गांधी वादी तरीके से अपनी मांगे मनवाएंगे.
वहीं इन्ही किसानों ने कुछ दिन पूर्व पिपरिया अनुविभागीय अधिकारी को एमएसपी पर फसल खरीदने का ज्ञापन दिया था. आज पिपरिया एसडीएम और तहसीलदार ने मेडिकल टीम सहित गांव में जाकर इन किसानों से बातचीत की. पिपरिया एसडीएम संतोष तिवारी का कहना है कि किसानों की जो मांग है वो राज्य और केंद्र सरकार स्तर की हैं. हमने मांगो को उच्च अधिकारियों को भेज दिया है.
वहीं अब सबसे बड़ा सवाल राज्य सरकार के सामने है कि शिवराज सिंह की सरकार और बीजेपी के घोषणा पत्र में शामिल किसानों की फसलों के एमएसपी की घोषणाओं किस तरह पूरी से पूरा किया जाएगा?