
MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के माध्यम से यह सवाल उठाया गया है कि 40 महीने की तय समय सीमा के बावजूद 15 साल बाद भी टनल का निर्माण क्यों पूरा नहीं हुआ? याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. इसके लिए कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है.
2008 में बरगी परियोजना के तहत टनल का निर्माण का प्रस्ताव पास
कटनी निवासी दिव्यांशु मिश्रा की ओर से याचिका दाखिल की गई, जिसे उनके अधिवक्ता वरुण तन्खा ने प्रस्तुत किया. उन्होंने अदालत को जानकारी दी कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने 2008 में बरगी परियोजना के अंतर्गत स्लीमनाबाद के पास लगभग 12 किलोमीटर लंबी टनल बनाने का प्रस्ताव पास किया था. इस प्रोजेक्ट की शर्तों के अनुसार, इसे 40 महीनों में यानी 25 जुलाई, 2011 तक पूरा होना था, लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी टनल का काम अब तक अधूरा है, जिसमें अभी भी लगभग 2 किलोमीटर की टनल बननी बाकी है.
विधानसभा में भी उठाया गया था ये मुद्दा
अधिवक्ता ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपये थी. इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया गया था, जहां मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना के ठेकेदार को अब तक 1450 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इसके अलावा इस अवधि के दौरान कई अन्य टेंडर भी जारी किए गए और अतिरिक्त भुगतान किया गया जो कि अनुचित था.
कोर्ट ने चार सप्ताह में मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार को जल्द से जल्द प्रोजेक्ट की प्रगति पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. बता दें कि कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के लिए निर्देश दिया है.
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