![Health Myths: पेट दर्द होने पर झोलाछाप डॉक्टर ने दागे गर्म लोहे के छल्ले, Bhopal AIIMS की जांच में निकली यह बीमारी Health Myths: पेट दर्द होने पर झोलाछाप डॉक्टर ने दागे गर्म लोहे के छल्ले, Bhopal AIIMS की जांच में निकली यह बीमारी](https://c.ndtvimg.com/2024-03/61kc3968_bhopal_625x300_17_March_24.jpg?downsize=773:435)
Bhopal News: आज के समय में बीमारी से ज्यादा खतरा बीमारी का अजीब और विचित्र इलाज बताने वाले झोलाछाप हकीम और डॉक्टरों से हैं. भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) के कार्यपालक निदेशक डॉ अजय सिंह (Dr. Ajay Singh) ने कहा कि लोगों को ऐसे हकीमों से दूर रहने की बहुत जरूरत है. असल में हाल ही में एक मरीज गैस्ट्रो सर्जरी (Gastrosurgery) ओपीडी में आया था. उसे लगभग 10 साल पहले उसके गांव में एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर ने उसके पेट दर्द और सूजन के लिए उसके पेट पर गर्म लोहे के छल्ले और मिट्टी के बर्तन के गर्म टुकड़ों से दाग दिया था. एम्स भोपाल में उसे पोर्टल हाइपरटेंशन का मरीज पाया गया.
'अंधविश्वास से रहें दूर'
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ अजय सिंह ने लोगों को झोलाछाप और नीम हकीमों से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि एम्स में गैस्ट्रो सर्जरी ओपीडी में एक मरीज आया था. इसे लगभग 10 साल पहले उसके गांव में एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर ने दर्द और सूजन के लिए उसके पेट पर गर्म लोहे के छल्ले और मिट्टी के बर्तन के गर्म टुकड़ों से पेट पर दाग दिया था. कोई राहत न मिलने पर एक साल बाद इसे दोहराया गया. एम्स भोपाल में जब उसका टेस्ट किया गया तो वह असल में पोर्टल हाइपरटेंशन नामक बीमारी का मरीज निकला. पिछले कई सालों से उसकी तिल्ली (स्प्लीन) बढ़ रही थी और अब आकार में काफी बड़ी हो गयी थी जिसके कारण दर्द होता था.
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
एम्स भोपाल के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. विशाल गुप्ता ने बताया कि इससे पहले भी एक मरीज आया था जिसने पेट दर्द के लिए गर्म लोहे के छल्ले और मिट्टी के बर्तनों के गर्म टुकड़ों से पेट पर दगवाया था. बाद में उसे पीलिया हो गया और अग्न्याशय से सटे कैंसर से पीड़ित पाया गया. सौभाग्य से समय पर कैंसर का पता चल गया जिसे सर्जरी के द्वारा ठीक किया जा सका. इसलिए किसी भी तरह की परेशानी होने पर किसी हकीम या झोलाछाप डॉक्टर के पास जाने से बढ़िया अपने नजदीकी अस्पताल पहुंचना चाहिए.
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ग्रामीण इलाकों में प्रचलित हैं कुछ प्रथाएं
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ अजय सिंह ने कहा कि देश के कई हिस्सों में नीम-हकीमों द्वारा ऐसी प्रथा ग्रामीण इलाकों में प्रचलित है. मध्य प्रदेश क्षेत्र भी इसका अपवाद नहीं है. इस तरह की विचित्र प्रथाओं पर विश्वास करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है. किसी लाभ के बजाय ये रोगी के जीवन को खतरे में डाल सकते हैं. पेट में दर्द या पीलिया के कई कारण हैं; पथरी जैसी साधारण समस्या से लेकर कैंसर जैसी गंभीर समस्या तक. सही निदान और उपचार के लिए उचित टेस्ट और समय पर जांच जरूरी है.
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