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लापरवाह सिस्टम! आपातकालीन सेवा की लेटलतीफी ने ली मरीज की जान, एंबुलेंस पंचर हुई तो देरी से पहुंची दूसरी मदद

गुना जिले में एंबुलेंस की लापरवाही से बुजुर्ग मरीज जगदीश ओझा की मौत हो गई. समय पर एंबुलेंस न मिलना और बीच रास्ते में वाहन पंचर होना सिस्टम की गंभीर नाकामी को दिखाता है. विधायक ऋषि अग्रवाल ने घटना पर नाराजगी जताई और जांच के आदेश दिए.

लापरवाह सिस्टम! आपातकालीन सेवा की लेटलतीफी ने ली मरीज की जान, एंबुलेंस पंचर हुई तो देरी से पहुंची दूसरी मदद

Madhya Pradesh Health System Failure: गुना जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही एक बार फिर शर्मसार करने वाली बन गई. म्याना के रहने वाले जगदीश ओझा नामक बुजुर्ग मरीज की मौत इसलिए हो गई क्योंकि समय पर एंबुलेंस नहीं मिली और जो मिली वो बीच रास्ते में पंचर हो गई. दूसरी मदद पहुंचने में इतनी देरी हुई कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज ने दम तोड़ दिया.

एक घंटे बाद आई पहली एंबुलेंस

जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह करीब 11 बजे जगदीश ओझा को गंभीर हालत में म्याना अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें गुना जिला अस्पताल के लिए रेफर किया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पहली एंबुलेंस लगभग एक घंटे बाद पहुंची. इतना ही नहीं, जब मरीज को लेकर एंबुलेंस रवाना हुई तो रास्ते में भदौरा के पास नेशनल हाइवे पर उसका टायर पंचर हो गया.

स्टेपनी नहीं थी, बढ़ा इंतजार

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एंबुलेंस में स्टेपनी ही नहीं थी. इससे एंबुलेंस वहीं सड़क किनारे खड़ी रह गई और मरीज की हालत लगातार बिगड़ती चली गई. परिजन लगातार मदद के लिए फोन करते रहे, लेकिन दूसरी एंबुलेंस लगभग 45 मिनट बाद मौके पर पहुंच पाई. तब तक बहुत देर हो चुकी थी. गुना जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने जगदीश ओझा को मृत घोषित कर दिया.

विधायक को दी गई सूचना

घटना के बाद मृतक के परिजनों ने स्थानीय विधायक ऋषि अग्रवाल को फोन कर पूरी जानकारी दी. विधायक ने तुरंत नोडल अधिकारी से संपर्क किया और दूसरी एंबुलेंस भेजने के निर्देश दिए. लेकिन जब तक मदद पहुंची, मरीज की जान जा चुकी थी.

विधायक ने जताई नाराजगी 

विधायक ऋषि अग्रवाल खुद जिला अस्पताल पहुंचे और एंबुलेंस में स्टेपनी नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ झूठे दावे कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि आज भी कई जगह मरीजों को ट्रॉली, ऑटो या निजी वाहन में ले जाया जा रहा है क्योंकि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती.

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जांच के आदेश, जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज

विधायक ने बताया कि जिस एंबुलेंस से यह हादसा हुआ, उसका चालक भी नियमित कर्मचारी नहीं था. उन्होंने कलेक्टर और सीएमएचओ को पूरी जानकारी दी और जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज के डायरेक्टर पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है.
इस बीच, तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा जिला अस्पताल पहुंचे और बताया कि कलेक्टर ने जांच दल गठित कर दिया है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

विधानसभा में उठेगा मुद्दा

बमौरी विधायक अग्रवाल ने कहा है कि वे इस पूरे मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठाएंगे, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में एंबुलेंस सेवाओं में लगभग 600 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. यह घटना उस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है, जो मरीज की जान की कीमत तक नहीं समझती.

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