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'लोकसभा चुनाव में सरकार को उठाना पड़ सकता है खामियाजा', किसानों ने साफ शब्दों में दी चेतावनी

Madhya Pradesh Farmers in Problem: बेमौसम बरसात से किसान बहुत परेशानी में हैं. खेत में लहलहाती हुई फसल एकदम से बरबाद हो गई है. अब वो इसे बाजार में बेच नहीं सकते हैं और सरकार फसल के सही दाम नहीं दे रही है.

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'लोकसभा चुनाव में सरकार को उठाना पड़ सकता है खामियाजा', किसानों ने साफ शब्दों में दी चेतावनी
सरकार और मौसम की मार से परेशान किसान

Shivpuri Farmers: माथे पर हाथ रख कर बैठा किसान (Farmers) परेशान है और इसे मलाल इस बात का है कि इसकी एक साल की मेहनत पर एक रात में पानी फिर गया. दरअसल, प्रदेश (Madhya Pradesh Farmers) के किसानों ने बड़ी मेहनत के साथ अपने खेत में सरसों की फसल लगाई थी. बेचने के लिए उसे काटने की तैयारी की थी और काट भी लिया था. लेकिन, बेवक्त पानी ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. इस मामले को लेकर एनडीटीवी संवाददाता ने एक किसान से खास बात की.

'एक तरफ सता रही है प्रकृति तो दुसरी तरफ सरकार'

मायूस किसान पुरुषोत्तम केवट बताते है कि उनके दर्द की कहानी उनकी अकेली की नहीं है. सभी किसानों की जुबान पर इस समय यही बात है कि एक तरफ प्रकृति उन्हें सता रही है, तो दूसरी तरफ सरकार ने उनके गेहूं की फसल के समर्थन मूल्य को ना बढ़ाते हुए पुरानी कीमत पर ही खरीदने का फैसला लिया है.
गेहूं की फसल पर बार-बार पानी पड़ने से फसल खराब हो गई.

'उम्मीद से कम मिल रहा है बाजार में दाम'

किसान अजय परिहार का कहना है कि वो अपने गेहूं के खेत में गेहूं की फसल की कटाई का इंतजार कर रहे है, लेकिन बार-बार पानी और तेज हवा से उनकी फसल को भी नुकसान पहुंचा है. पूरे फसल का दाना छोटा रह गया और उसकी कीमत बाजार में अब उतनी नहीं मिल रही जितनी उन्होंने उम्मीद की थी.

महंगी हुई है खेती

क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों का कहना है कि खाद, पानी और बिजली महंगी होने के चलते खेती करना भी महंगा हो गया है. यही वजह है कि छोटी सी परेशानी किसान की बड़ी परेशानी हो गई है. मौसम की मार ने किसानों को बहुत बड़ी दुविधा में डाल दिया है.

मौसम ने परेशानी में डाल रखा है किसान को

गेहूं की फसल होली के नजदीक काटी जाती है. होली की बात करें तो लगभग 15 से 20 दिन अभी होली में बाकी हैं. ऐसे में खेतों में खड़ी हुई गेहूं की फसल पकड़ तो तैयार है, लेकिन काटने का इंतजार बरकरार है. अगर आसमान की बात करें तो वहां मौसम विभाग का कहना है कि कब बारिश हो जाए और ओले गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. 

जिले के लाखों किसानों के सामने लगभग यही संकट

20 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शिवपुरी जिले में खेती करने वाले किसानों की संख्या की बात की जाए तो लगभग 5 लाख से ज्यादा किसान खेती करते हैं, लेकिन अगर उनकी स्थिति की बात की जाए तो लगभग हर किसान हालत खस्ता है. मौसम के आगे किसी किसान का जोर नहीं चलता और अगर आसमां से बूंदे लगातार गिरती रहीं और मौसम इसी तरह का बना रहा तो किसान को नुकसान से कोई नहीं बचा सकता.

लोकसभा चुनाव होने की वजह से किस को थी उम्मीद

लोकसभा के चुनाव होने हैं और ऐसे में किस को मीठी के सरकार ने जो वादा किया है उसे चावन के मध्य नजर को जरूर पूरा करेगी लेकिन जब यह स्थिति सामने आई और सरकार ने 2275 रुपए कीमत पर ही गेहूं खरीदी का ऐलान कर दिया तो किसानों के चेहरे मायूस हो गए और अब वह आंदोलन के मूड में साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं किसानों का कहना है कि सरकार ने अगर उनकी बात नहीं सुनी तो वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे.

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किसानों को फिलहाल मौसम से कोई राहत नहीं

खेतों में फसल तैयार खड़ी हैं. ऐसे में मौसम जैसे बना हुआ है उसे देखकर मौसम विभाग की चेतावनी किसानों को डरा रही हैं. मौसम विभाग ने साफ चेतावनी जारी करते हुए शिवपुरी जिले और उसके आसपास से लगे हुए जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

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