Bhopal Private Schools: भोपाल जिला कलेक्टर ने राजधानी में संचालित प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर कड़ा प्रहार किया है. जारी एक आदेश में जिला कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूलों को जबरन बच्चों के पैरेंट्स को जबरन स्कूल यूनिफॉर्म और स्कूल बैग जैसे अन्य सामाग्री बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इतना ही नहीं, जारी आदेश में कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूलों को शैक्षणिक सामग्रियों पर स्कूल का नाम नहीं छापने का भी निर्देश दिया है.
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नए आदेश से अब शैक्षणिक सामग्री खुले दुकान से खरीद सकेंगे अभिभावक
गौरतलब है राजधानी में संचालित प्राइवेट स्कूल बच्चों के अभिभावकों को तयशुदा दुकानों से शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन कलेक्टर के नए आदेश से अब अभिभावकों को इससे मुक्ति मिल सकेगी. यानी अब प्राइवेट स्कूल प्रबंधन बच्चों को यूनिफॉर्म, टाई, जूते और बैग समेत अन्य सामान मनमानी कीमत पर जबरन नहीं बेच सकेंगे.
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सत्र आरंभ से पहले देनी होगी कक्षावार पाठ्य-पुस्तकों और प्रकाशकों की सूची
जारी एक आदेश के मुताबिक जिले के सभी निजी स्कूलों के लिए अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पहले लेखक व प्रकाशक के नाम और मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और उक्त सूची मांगने पर छात्रों को उपलब्ध कराने होंगे, जिससे स्टूडेंट्स और अभिभावक उसे खुले बाजार से खरीद सके.
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15 जनवरी तक राजधानी के सभी प्राइवेट स्कूल्स को पोर्टल में देनी होगी जानकारी
जारी आदेश में कहा गया है कि सभी स्कूल प्रबंधक व प्राचार्य को कक्षावार पाठ्य पुस्तकों और प्रकाशक की जानकारी को ऑनलाइन वेबसाइट पर 15 जनवरी 2025 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा. इसके साथ ही पाठ्य-पुस्तकों और प्रकाशक की जानकारी एक हार्ड कापी जिला शिक्षा अधिकारी जिला भोपाल के कार्यालय में जमा करानी होगी.
आदेश का पालन नहीं करने पर प्राइवेट स्कूल के खिलाफ होगी दंडात्मक कार्रवाई
भोपाल जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने राजधानी में संचालित प्राइवेट स्कूलों को शैक्षणिक सामाग्री अभिभावकों को नहीं बेचने का आदेश जारी किया है. प्राइवेट स्कूल्स अगर आदेश का पालन नहीं करते हैं तो दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्राइवेट स्कूल्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.