Kerala local body election results 2025: केरल की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहीं श्रीलेखा ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनाव (Thiruvananthapuram Municipal Corporation) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. उन्होंने सस्थामंगलम वार्ड से जीत हासिल की है. उनकी यह जीत ऐसे समय में हुई है, जब तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर नियंत्रण को लेकर मुकाबला बेहद रोमांचक मोड़ पर है और तीनों प्रमुख राजनीतिक मोर्चे कड़े संघर्ष में फंसे हुए हैं.
बीजेपी का कमाल
श्रीलेखा की जीत को भाजपा राजधानी शहर में वामपंथी सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट को सत्ता से बाहर करने की दिशा में एक मजबूत और प्रतीकात्मक बढ़त के रूप में देख रही है. श्रीलेखा इसी साल भाजपा में शामिल हुई थीं. उनका पार्टी में आना कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था. इसके बाद उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव में वार्ड सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिसने और ज्यादा ध्यान खींचा. पुलिस सेवा में उनका करियर लंबा और प्रतिष्ठित रहा है. वे केरल की पहली महिला अधिकारी थीं, जिन्होंने डीजीपी का सर्वोच्च पद संभाला था.
कौन हैं श्रीलेखाा?
पूर्व आईपीएस और भारतीय जनता पार्टी की नेत्री श्रीलेखा ने केरल के निकाय चुनाव में तिरुवनंतपुरम नगर निगम में सस्थमंगलम वार्ड से जीत हासिल की है. वे बीजेपी की उम्मीदवार थीं और सीपीएम की युवा उम्मीदवार अमृता को हराया.
आर श्रीलेखा केरल कैडर की 1987 बैच की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं, जो बाद में एडीजीपी और डीजीपी रैंक तक पहुंचीं. रिटायरमेंट के बाद वे बीजेपी में शामिल हुईं और राज्य उपाध्यक्ष बनीं. उन्होंने अपने कार्यकाल में पुलिस सेवा में सड़क सुरक्षा में सुधार, ई-गवर्नेंस और सीबीआई में ‘रेड श्रीलेखा' के नाम से छापेमारी शामिल हैं. वे अग्निशमन सेवा की पहली महिला डीजीपी रहीं. यह जीत तिरुवनंतपुरम में बीजेपी के लिए भगवा लहर का संकेत है, जहां पार्टी बहुमत के करीब पहुंची. श्रीलेखा मेयर पद की संभावित दावेदार हैं.
हालांकि, उनका चुनाव अभियान विवादों से अछूता नहीं रहा. मतदान के दिन 9 दिसंबर को श्रीलेखा उस समय विवादों में आ गईं, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर एक कथित प्री-पोल सर्वे साझा किया. इस पोस्ट में दावा किया गया था कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बढ़त हासिल है.
इस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने इसे आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि मतदान के दिन प्री-पोल सर्वे के नतीजे प्रकाशित करना या साझा करना चुनाव आयोग के नियमों के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है और यह चुनावी नियमों का गंभीर उल्लंघन है.
विवाद बढ़ने के बाद श्रीलेखा ने संबंधित पोस्ट को सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दिया था. बता दें कि निवर्तमान तिरुवनंतपुरम नगर निगम में 100 वार्डों में से सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट के पास 51 सीटें थीं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 35 सीटें थीं. शेष सीटें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास थीं.
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