E-Registry Sampada Portal: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग (Registration and Stamps Department) के सम्पदा 2.0 सॉफ्टवेयर (Sampada 2.0 Software) का शुभारंभ 10 अक्टूबर 2024 को करेंगे. राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर में लॉन्च कार्यक्रम होगा. एमपी के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवडा ने बताया कि संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया (Property Registration) को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन का यह एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रदेश में रजिस्ट्री (Registry) के नये नियम लागू किये गये हैं. इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन गुना, हरदा, डिण्डौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. 10 अक्टूबर को इसे प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किया जायेगा.
मध्यप्रदेश सरकार का नवाचार
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 9, 2024
संपत्ति से जुड़े काम होंगे अब और भी आसान
संपदा 2.0
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश स्तरीय शुभारंभ
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सम्पदा 2.0 से e-KYC से होगी पहचान
सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी. इसकी विशेषताओं में संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का वेरिफिकेशन शामिल है. इस सिस्टम में ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से डॉक्यूमेंट कंप्लीट किया जाएगा, जिससे गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी. कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी. पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होगी. व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है.
ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर से होगी ये आसानी
रजिस्ट्री के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन होगा. दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी. इसके साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी. संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है.
सम्पदा 2.0 मोबाइल एप
सम्पदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है. यह नवाचार न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा. यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी.
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