
Fisheries Pond Lease: सरकार ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ने की कवायद कर रही है, लेकिन उनके साथ स्वरोजगार के नाम पर ठगी हो रही हैं. डिंडौरी जिले में ऐसा ही एक मामला आया है, जहां सरपंच ने मछली पालन के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को मिली लीज को अपने रिश्तेदार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया है.
ये भी पढ़ें-इंदौर पहुंचा 'आई लव मोहम्मद' विवाद, विहिप ने नवरात्रि पर मुहिम को लेकर जताई आपत्ति, जानें क्या है पूरा मामला?
महिलाओं को 5 साल के लिए लीज पर मिला था त तालाब
मामला अमरपुर जनपद के अंतर्गत ग्रामपंचायत बिलासर का है, जहां करीब दो साल पहले दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाओं को मछली पालन के लिए ग्राम पंचायत की तालाब पांच साल के लिए लीज पर दिया गया था. स्व सहायता समूह की महिलाओं ने तालाब साफ़ कराया और उसमें मछली के बीज डलवाए, लेकिन मुनाफे से पहले सरपंच ने कांड कर दिया.
लाखों खर्च करने के बाद महिलाओं के हाथ आई निराशा
पीड़ित स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि बीते दो साल से समूह की ग्यारह महिलाएं तन मन से लगी हुई हैं और मछली पालन के व्यवसाय में उनके अब तक करीब तीन लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन जब कमाई का समय आया तब तालाब का लीज सरपंच के रिश्तेदार को दे दिया.
ये भी पढ़ें-बच्चों में 2250 फीसदी तक बढ़ा दिल की बीमारी से मौत का आंकड़ा, रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता, डरा रहा है आंकड़ा
निराशा के गर्त में पहुंची स्वयं सहायता समूह की महिलाएं
सरपंच की कारस्तानी की शिकायत करने जनपद और जिले के जिम्मेदार अधिकारीयों करने पहुंची स्व सहायता समूह की महिलाओं ने सुनाई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है. इससे निराश महिला स्वयं सहायता समूह निराशा के गर्त में पहुंच गया है. महिला सशक्तिकरण के नाम पर हुए धोखे से ग्रामीण महिलाएं न्याय के लिए सरकार की ओर देख रही हैं.