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MP की ये जगह छीन चुकी दर्जनों जिंदगियां, मौत के बाद लाश भी हो जाती है गुम

MP News : हाल के दिनों में लगभग एक दर्जन से अधिक लोग इस पुल से कूद चुके हैं और किसी को भी नहीं बचाया जा सका है. यह पुल एक गहरी जगह पर स्थित है और यहां पर पानी की बहुतायत रहती है.

MP की ये जगह छीन चुकी दर्जनों जिंदगियां, मौत के बाद लाश भी हो जाती है गुम
MP की ये जगह छीन चुकी दर्जनों जिंदगियां, मौत के बाद लाश भी हो जाती है गुम

MP News in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बॉर्डर से लगे सोहागी थाने का राजापुर पुल.... अब 'सुसाइड पॉइंट' के रूप में जाना जाने लगा है. इस पुल से लगातार लोग कूदकर अपनी जान दे रहे हैं. कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति ने अपने दो बच्चों के साथ इस पुल से छलांग लगाई थी जिससे तीनों की मौत हो गई थी. ताजा मामला चिल्ला के रहने वाले मनीष गुप्ता का है जो ऑटो चलाता था. दो दिन पहले पुल के ऊपर उनका ऑटो खड़ा मिला था. मोबाइल भी वहीं रखा हुआ था. लोगों ने आशंका जताई थी कि उसने पुल के ऊपर अपना ऑटो खड़ा किया और फिर पुल से नीचे छलांग लगा दी. यह आशंका 48 घंटे में सच साबित हो गई. SDRF की टीम मौके पर पहुंची और मनीष गुप्ता की तलाश शुरू की. आज सुबह उसका शव बरामद कर पुलिस को सौंपा गया जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. सोहागी थाना के राजापुर पुल से कूदकर जान देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक लोग इस पुल से कूदकर अपनी जान दे रहे हैं उसे देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इस पुल से कूदने वाले किसी भी व्यक्ति को अब तक नहीं बचाया जा सका है. पुलिस रिकॉर्ड और आस-पास के लोगों की मानें तो, इसे 'मौत का पुल' या 'सुसाइड पुल' कहा जाने लगा है

एक दर्जन से ज़्यादा लोगों की मौत

टमस नदी पर बने राजापुर पुल से कूदकर जान देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हाल के दिनों में लगभग एक दर्जन से अधिक लोग इस पुल से कूद चुके हैं और किसी को भी नहीं बचाया जा सका है. यह पुल एक गहरी जगह पर स्थित है और यहां पर पानी की बहुतायत रहती है. साल भर टमस नदी में तेज धारा बहती है, जिससे बचाव कार्य में बहुत कठिनाई होती है. समय से जानकारी न मिलने के कारण लोग पानी में डूब जाते हैं और बहकर दूर निकल जाते हैं. अधिकतर शव 2 से 3 किलोमीटर दूर मिलते हैं.

पुल पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

टमस नदी पर बने राजापुर पुल पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. यहां न तो लाइट लगी है और न ही पुल के ऊपर कोई जाली लगी हुई है. इसी कारण लोग थोड़ी सी भी घरेलू समस्या के बाद यहां आकर अपनी जान दे देते हैं. ज्यादातर मामलों में यही देखा गया है कि घर में मामूली बातचीत ही जान देने का कारण बन जाती है. यदि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते, तो इतनी मौते न होगी. लेकिन प्रशासन ने इतनी मौत होने के बाद भी अभी तक इस और ध्यान नहीं दिया है.

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नदी में इतना पानी कहां से आता है ?

इस नदी में बहते पानी को देखकर लोग अक्सर सवाल करते हैं कि इसमें इतना पानी कहां से आता है. गर्मी हो या सर्दी, नदी में हमेशा तेज बहाव दिखाई देता है. इसका कारण है रीवा से 60 किलोमीटर दूर स्थित बाणसागर बांध, जिसका पानी लहरों के माध्यम से रीवा के पास सिलपरा तक लाया जाता है, जहां बिजली बनाई जाती है. इसके बाद इस पानी को रीवा की बिहार नदी में छोड़ा जाता है, जो सिरमौर तक बहती है. सिरमौर में इस पानी से 345 मेगावाट बिजली बनती है, और इसके बाद यह पानी टमस नदी में छोड़ा जाता है, जो बहते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा तक चला जाता है.

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