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MP साइबर पुलिस को मिले दो अहम पुरस्कार, जानिए कैसे देश में बनाया बड़ा मुकाम

Cyber Crime: पीएम नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिनों पहले ही मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट से बचाने के उपाय बताते हुए कहा था कि डिजिटल अरेस्ट से डरे नहीं, रूकें, सोचें तथा एक्शन लें. हमारी जागरूकता, साइबर जालसाजों का साहस के साथ सामना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इन अपराधों से बचा जा सकता है.

MP साइबर पुलिस को मिले दो अहम पुरस्कार, जानिए कैसे देश में बनाया बड़ा मुकाम

State Cyber Police MP:  दिल्ली में डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (Data Security Council of India) द्वारा "कानून प्रवर्तन एजेंसी" श्रेणी में मध्यप्रदेश सायबर पुलिस (MP Cyber Police) को बेस्ट इंवेस्टिगेशन श्रेणी में देश में प्रथम स्थान तथा ट्रेनिंग एवं कैपिसिटी बिल्डिंग में देश में द्वितीय स्थान हेतु अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया है. यह जानकारी एडीजी मध्यप्रदेश सायबर पुलिस योगेश देशमुख (ADG Cyber Police MP) ने दी है. एडीजी देशमुख ने बताया कि देश की सभी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियों ने इसमें सहभागिता की थी. मध्यप्रदेश सायबर पुलिस को “साइबर कॉप ऑफ़ दी ईयर फॉर बेस्ट इन्वेस्टीगेशन'' में देश में प्रथम स्थान मिला. इसमें राज्य साइबर की भोपाल यूनिट को एमपी साइबर की तरफ़ से निरीक्षक नीतू कुँसरिया को साइबर कॉप का पुरस्कार फ़र्ज़ी एपिक कार्ड, आधार कार्ड बनाने वाले क्रिमिनल रैकेट को चुनाव मतदान पूर्व बर्स्ट करने पर दिया गया.

एमपी में चल रहे हैं साइबर जागरुकता के कार्यक्रम

मध्यप्रदेश को ⁠एक्सिलेंस इन ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग अवार्ड में देश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024में अभी तक 24 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 1016 पुलिस अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. इसके साथ ही इस वर्ष 1070 सायबर जागरुकता कार्यक्रम पूरे प्रदेश में आयोजित कर लगभग 11 लाख छात्र -छात्राओं, महिलाओं एवं आमजन को सायबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया.

साइबर अपराधों का रोकथाम

प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में लगभग 24,000 पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, लोक अभियोजन अधिकारी प्रशिक्षित किये गये है. लगभग 4700 हजार साइबर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 31 लाख नागरिकों (छात्र-छात्राओं, महिलाओं, वृद्धों आदि) को जागरुक किया गया. नियमित रुप से नवीन साइबर अपराधों (डिजीटल अरेस्ट़ बिजली बिल भुगतान करने के नाम पर, कष्टम ड्यूटी के नाम पर, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टास्क आदि) से संबंधित एडवाइजरी जारी की जाती रही है.

मध्यप्रदेश को साइबर अपराध रोकने के लिये किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिये निरंतर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त हुए है. वर्ष 2021 एवं 2022 में NCRB (MHA), वर्ष 2018 एवं 2022 DSCI (कैपेसिटी बिल्डिंग), वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2022 में साइबर कॉप ऑफ दी ईयर और वर्ष 2022 में FICCI (कैपेसिटी बिल्डिंग) पुरस्कार मिला.

साइबर अपराध और शिकायतों में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है. वर्ष 2019 में लगभग चार हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि वर्ष 2024 में अब तक लगभग पांच लाख शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं. साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पिछले पांच वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 24 हजार पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और लोक अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया. गत पांच वर्ष में साइबर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं सहित लगभग 31 लाख नागरिकों को जागरूक किया गया. साइबर पुलिस द्वारा बिजली बिल भुगतान व कस्टम ड्यूटी के नाम पर ठगी, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टॉस्क और डिजिटल अरेस्ट संबंधी एडवाइजरी नियमित रूप से जारी की जाती रही है. राज्य शासन को साइबर अपराधों से बचाव संबंधी जागरूकता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं.

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