Samrat Vikramaditya Sainik School Vidya Bharti: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने सीहोर जिले की बुधनी तहसील के बगवाड़ा में विद्याभारती मध्यप्रांत द्वारा प्रारंभ किये जा रहे सम्राट विक्रमादित्य सैनिक स्कूल का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर बनने वाले सैनिक स्कूल में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता, दानशीलता, पुरुषार्थ, पराक्रम और सुशासन की शिक्षा और प्रेरणा मिलेगी. इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे.
'सा विद्या या विमुक्तये'
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 5, 2024
विद्या भारती युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों और संस्कृति के अनुसार शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी क्रम में आज बुधनी में "सम्राट विक्रमादित्य सैनिक स्कूल" का भूमिपूजन कर शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय… pic.twitter.com/u4PqNO0nLl
सीएम मोहन यादव ने कहा कि विद्या भारती संस्थान द्वारा इस सैनिक स्कूल के माध्यम से विद्यार्थियों में संस्कार और राष्ट्रनिर्माण की भावना को विकसित करने का काम किया जायेगा. नई शिक्षा नीति के निर्माण में विद्या भारती संस्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. प्रदेश में जहाँ भी सैनिक स्कूल शुरू किए जाएंगे वहां प्रदेश सरकार पूरी मदद करेगी.
सीएम मोहन यादव ने कहा कि सैनिक स्कूल, बगवाड़ा (सीहोर) का नामकरण 'सम्राट विक्रमादित्य' के नाम पर करना मेरे लिए आनंद व सौभाग्य की बात है. विक्रमादित्य के समान कोई दूसरा योद्धा नहीं हुआ, सम्राट विक्रमादित्य सुशासन के प्रतीक थे.
अंतरराष्ट्रीय मानक, डे बोर्डिंग, भव्य ऑडिटोरियम जैसी सुविधाएं
नर्मदा नदी एवं नेशनल हाईवे-46 के पास वन एवं पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे इस स्थान पर भारतीय सेना के कौशल और संस्कारों के साथ शिक्षा प्रदान की जाएगी. इस भवन की नींव नवग्रह विधान, वास्तु पुरुष एवं अन्य सांस्कृतिक मूल्यों पर रखी जा रही है. परिसर में शैक्षणिक खंड, ऑडिटोरियम खंड, रेसीडेंशियल खंड, स्विमिंग पूल, हॉकी मैदान, हॉर्स राइडिंग, शूटिंग रेंज सहित अन्य खेलों एवं साहसिक गतिविधियों के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण की सुविधा रहेगी.
स्कूल परिसर में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सभाग्रह बनाया जाएगा. वहीं प्राकृतिक दृश्यों के बीच कक्षाएं विद्यार्थियों के भीतर रचनात्मकता जागने के लिए कला और शिल्प की कक्षा के लिए कक्ष होंगे.
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