पांढुरना को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद सौसर में विरोध के सुर उठने लगे हैं. सौसर के लोगों ने काला साफा पहन कर, शर्ट उतार कर इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा के पांढुरना को जिला बनाने की घोषणा की थी जिसके बाद सौसर में 'सौसर को जिला बनाओ अभियान समिति' सक्रिय हो गई और इस समिति के नेतृत्व में सौसर में जोरदार प्रदर्शन हुआ.
बड़ी संख्या में शामिल हुए लोग
विरोध प्रदर्शन में काफी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस अभियान के सदस्यों ने सिर पर काला कपड़ा बांधकर ,शर्ट उतारकर धरना प्रदर्शन किया. पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हनुमान लोक के भूमिपूजन के दौरान जिले के पांढुरना, सौसर और नानंदन वाड़ी को मिलाकर पांढुरना को नया जिला बनाने की घोषणा की थी.
यह भी पढ़ें : नर्मदापुरम: CM साहब ! देश के सबसे बड़े मूंग उत्पादक जिले के किसानों के साथ 'खेल' हो गया
24 घंटे के अंदर जारी किया था नोटिफिकेशन
राज्य शासन ने 24 घंटे के अंदर पांढुरना को जिला बनाने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. पांढुरना को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद अब सौसर में विरोध के सुर उठने लगे हैं. आज सौसर के क्षेत्रवासियों ने पांढुरना को जिला बनाने का विरोध करते हुए सौसर को जिला बनाने की मांग की.
सौसर के समाज सेवी प्रेम दास बागड़े ने कहा कि 'जिला बनने का पहला अधिकार सौसर का है क्योंकि यहां प्राकृतिक संसाधन हैं. विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जामसांवली हनुमान मंदिर, अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर है. यहां के बोरगांव में औद्योगिक क्षेत्र में रेमंड जैसी मल्टीनेशनल प्रतिष्ठित कंपनिया हैं.'
यह भी पढ़ें : मुरैना में एक ही घर के तीन चिराग बुझे, पीड़ित परिवारों को 50-50 हजार रुपए और नौकरी देगी फैक्ट्री
जिले की सबसे पुरानी तहसील
प्रदर्शन में शामिल लोगों के अनुसार सौसर इस जिले की सबसे पुरानी तहसील है. ये 1863 के अंग्रेजों के समय से है. सौसर से अलग होकर ही पांढुरना बना है. सौसर में सबसे पुरानी नगर पालिका भी है. उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से सौसर का जिला बनने का पहला अधिकार है. सौसर से पांढुरना सहित अन्य मराठी भाषी क्षेत्र बिछुआ, मोहखेड़ 30 किलोमीटर के दायरे में हैं.