Chhath Puja 2025: बिहार ही नहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी महापर्व छठ की धूम है. सूर्य की उपासना के पर्व छठ की शुरूआत कल 25 अक्टूबर से होने जारी है. इसे लेकर दोनों ही प्रदेशों में तैयारी की गई है. मप्र की राजधानी भोपाल में रहने वाले भोजपुरी समाज के करीब तीन लाख लोग आस्था और धूमधाम से छठी मैया की पूजा करेंगे. इसके अलावा अन्य जिलों में भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिलेगा. इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी लाखों लोग छठ पर्व मनाएंगे. यहां छठ का सबसे बड़ा आयोजन बिलासुपर में देखने को मिलता है.
पहला दिन – 25 अक्टूबर: नहाय-खाय
छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस दिन व्रती महिलाएं सुबह-सुबह नदी, तालाब या किसी पवित्र जलस्रोत में स्नान करती हैं. इसके बाद घर आकर सात्विक और शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है. पारंपरिक रूप से इस दिन लौकी-भात या चने की दाल और अरवा चावल खाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस भोजन से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं और आने वाले उपवास के लिए ऊर्जा मिलती है.
दूसरा दिन – 26 अक्टूबर: खरना
छठ का दूसरा दिन "खरना" के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं. सूर्यास्त के बाद भगवान सूर्य की पूजा के पश्चात प्रसाद बनाया जाता है- जिसमें गुड़ की खीर और गेहूं के आटे की रोटी शामिल होती है. पूजा के बाद व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं. इसी के साथ 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत प्रारंभ होता है, जो अत्यंत अनुशासन और आस्था के साथ निभाया जाता है.
तीसरा दिन – 27 अक्टूबर: संध्या अर्घ्य
तीसरे दिन व्रती महिलाएं अपने परिवार के साथ घाटों पर पहुंचती हैं और अस्त होते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं. इस अवसर पर घाट दीपों की रोशनी से जगमगाते हैं और वातावरण छठ गीतों की गूंज से भरा होता है. महिलाएं सूप में ठेकुआ, फल, नारियल और अन्य प्रसाद सजाकर सूर्य देव को अर्पित करती हैं. संध्या अर्घ्य का यह दृश्य भक्ति और सौंदर्य का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है.
चौथा दिन – 28 अक्टूबर: उषा अर्घ्य
छठ पर्व का अंतिम और सबसे पवित्र दिन उषा अर्घ्य का होता है. प्रातःकाल व्रती महिलाएं उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करती हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत का समापन होता है, जो तप, आस्था और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है.
भोपाल में इन घाटों पर होगी छठ पूजा
राजधानी भोपाल में छठ पूजा के लिए नगर निगम और सामाजिक संगठनों की ओर से 50 से अधिक स्थानों पर विशेष इंतजाम किए गए हैं. शहर का मुख्य आयोजन शीतलदास की बगिया में भोजपुरी एकता मंच की ओर से किया जाएगा. इसके लिए घाट को भगवा थीम पर सजाया गया है. इसके अलावा हथाईखेड़ा, एकतापुरी पार्क, प्रेमपुरा घाट, कलियासोत, बर्रई गौरीशंकर परिसर, करोंद, संजीव नगर, राजेंद्र नगर, शाहपुरा, अयोध्या नगर सरयू घाट, सुभाष नगर दुर्गा मंदिर और अन्ना नगर शाखा ग्राउंड पर आयोजन होंगे.
छग में भी छठी मैया की होगी पूजा-अर्चना
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत बिलासपुर, कोरबा, भिलाई-दुर्ग, बस्तर और प्रदेश के अन्य शहरों में बड़े धूमधाम से छठी मैया की पूजा की जाएगी. रायपुर में महादेव घाट, व्यास तालाब समेत अन्य 50 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा होगी. इसके लिए घाटों को सजा दिया गया है. बिलासपुर की अरपा नदी के तट पर बने देश के सबसे बड़े स्थाई छठ घाट को भी सजाया गया है. यहां करीब एक लाख लोग छठी भैया की पूजा करेंगे.
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