Bhind Dalit Urine Case: भिंड जिले में दलित युवक के साथ जमकर मारपीट करने और फिर पेशाब पिलाने (Dalit Urine Case) के कथित आरोप पर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस नेता भाजपा सरकार पर हमलावर हैं तो भीम आर्मी भी मोर्चा खोले हुए है. इस घटना दो समाजों को भी आमने-सामने कर दिया है. अब भीम आर्मी के चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण (Chandrashekhar Azad) ने पीड़ित युवक से वीडियो कॉल पर भी बात की है.
दरअसल, पुलिस सुरक्षा के बीच भिंड जिला अस्पताल में भर्ती पीड़ित दलित युवक से भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित युवक की सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण से बात कराई. सांसद ने युवक से घटना की जानकारी ली. इसके बाद कहा कि सांसद आजाद ने कहा कि घबराने की जरूरत नही है. मैं जल्द ही आऊंगा, सब कुछ ठीक कर दूंगा.
सबसे पहले जानें क्या है मामला?
Dalit Forced to Drink Urine: यह घटना 20 सितंबर सोमवार की है. पीड़ित युवक ज्ञानसिंह जाटव के अनुसार, वह पेशे से ड्राइवर है. वह दतावली गांव के रहने वाले सोनू बरुआ की बोलेरो गाड़ी चलता था, कुछ दिन पहले उसने काम छोड़ दिया. इसके बाद वह ग्वालियर में अपनी ससुराल में आकर रहने लगा था. दीवाली की रात सोनू बरुआ अपने दो साथियों आलोक पाठक और छोटे ओझा के साथ दीनदयाल नगर स्थित उसकी ससुराल पहुंचे. तीनों ने उसे बंदूक की नोक पर जबरन अपनी गाड़ी में बैठाया और फिर भिंड के सुरपुरा गांव ले आए, जहां उन्होंने जंजीरों से बांध दिया. इस दौरान बुरी तरह मारपीट की और फिर जबरदस्ती बोतल में भरकर पेशाब पिलाई. तबीयत बिगड़ने लगी तो आरोपी उसे वहीं छोड़कर भाग गए. उसने अपने परिजन को कॉल कर घटना की जानकारी दी, कुछ देर बाद वे मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल में भर्ती कराया.
आजाद बोले- दोषियों का समर्थन किया जा रहा
मामले को लेकर सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर लिखा- दिवाली के दिन किया गया यह कृत्य मानवता को शर्मसार कर देने वाला है. उससे भी घिनौनी बात यह है कि इस अमानवीय कृत्य के दोषियों को सजा मिलने के बजाय, उनके समर्थन में तथाकथित “सवर्ण समाज” के लोग महापंचायतें कर रहे हैं. खुलेआम संविधान की अवहेलना करते हुए जाटव समाज का सभी तरह से बहिष्कार करने की शपथ ले रहे हैं. यह महज अपराधियों का समर्थन नहीं, बल्कि दलित अस्मिता के खिलाफ युद्ध की घोषणा है. अगर यह भी आतंकवाद नहीं तो फिर और क्या है?
भीम आर्मी की सरकार से मांगें
- आरोपियों और भड़काने वालों की तत्काल गिरफ्तारी हो
- महापंचायत आयोजित करने वाले सभी लोगों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम और राजद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए.
- पीड़ित परिवार को सुरक्षा, सम्मान और न्याय दिलाया जाए.