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सरकारी स्कूल में 12 छात्रों ने खुद को ही ब्लेड मारकर किया लहूलुहान ! महिला प्राचार्य पर प्रताड़ित करने का आरोप

बुरहानपुर में एक सरकारी स्कूल से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक दर्जन से ज्यादा छात्रों ने अपने ही हाथों में ब्लेड मार कर खुद को लहूलुहान कर लिया. आरोप है कि उनके स्कूल की प्रचार्या उन्हें प्रताड़ित कर रही थी इसी वजह से उन्होंने ऐसा किया.

सरकारी स्कूल में 12 छात्रों ने खुद को ही ब्लेड मारकर किया लहूलुहान ! महिला प्राचार्य पर प्रताड़ित करने का आरोप

Burhanpur School Blade Attack: बुरहानपुर में एक सरकारी स्कूल से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक दर्जन से ज्यादा छात्रों ने अपने ही हाथों में ब्लेड मार कर खुद को लहूलुहान कर लिया. आरोप है कि उनके स्कूल की प्राचार्य  उन्हें प्रताड़ित कर रही थी इसी वजह से उन्होंने ऐसा किया. खबर सामने आते ही हड़ंकप मच गया ...प्राचार्या को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है लेकिन छात्र इस बार पर अड़े हैं कि जब तक उन्हें नहीं हटाया जाता वे स्कूल में कदम नहीं रखेंगे...पूरा मामला बुरहानपुर के शासकीय मॉडर्न स्कूल फोपनार का है. पीड़ित छात्रों का कहना है कि स्कूल की प्राचार्य उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थीं. इस टॉर्चर से तंग आकर इन नाबालिगों ने ब्लेड मारकर खुद को जख्मी किया. इसके बाद ये सभी छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर न्याय की गुहार लगाने सीधे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे.

ABVP ने उठाया मोर्चा, स्कूल न जाने की कसम!

कलेक्टर कार्यालय पहुंचने से पहले ही पीड़ित छात्रों ने अपनी आपबीती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को बताई. इसके बाद, ABVP के जिला संयोजक पृथ्वीराज महाजन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने शिक्षा विभाग के अफ़सरों को घेरा और दो टूक शब्दों में छात्रों को न्याय दिलाने की मांग की. इसी बीच पीड़ित छात्रों ने साफ़ ऐलान कर दिया है कि जब तक इस तानाशाह प्राचार्य को स्कूल से हटाया नहीं जाएगा, वे एक भी क़दम स्कूल के अंदर नहीं रखेंगे.

क्या शिक्षा विभाग ने की खानापूर्ति !

दूसरी तरफ मामला मीडिया में उछलते ही शिक्षा विभाग के कान खड़े हो गए. अपनी किरकिरी होते देख विभाग ने आनन-फानन में लीपापोती शुरू कर दी है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी सुधाकर माकुन्दे ने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए प्राचार्य के खिलाफ़ 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया गया है. अफ़सरों का कहना है कि प्राचार्य का जवाब मिलने के बाद ज़िला शिक्षा अधिकारी आगे की 'कार्रवाई' करेंगे. ऐसे में सवाल यह है कि इतनी गंभीर घटना के बाद भी क्या सिर्फ एक 'कारण बताओ नोटिस' पर्याप्त है? अभिभावक और सामाजिक संगठन इस मामले में तत्काल और सख़्त क़दम उठाने की मांग कर रहे हैं. इस पूरे मामले में अभी प्रचार्या का पक्ष सामने नहीं आया है.

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