
Fake Death Letter: इंदौर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज के दो छात्रों ने परीक्षा रुकवाने के लिए प्राचार्य की मौत का फर्जी पत्र तैयार करवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. देखते ही देखते लेटर वायरल हो गया. मामले का खुलासा हुआ तो दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ जान-बूझकर नकली दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज किया गया है.
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सोशल मीडिया पर कॉलेज प्राचार्य की मौत की झूठी खबर वायरल कर दिया
मामला शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय का है. आरोपी दोनों छात्रों ने परीक्षा रुकवाने के लिए कॉलेज प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन की मौत की झूठी खबर लेटर के प्रारूप में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. प्राचार्य की मौत की खबर वायरल हुई तो प्राचार्य ने मामले की शिकायत पुलिस से की, जिसके बाद छात्रों के खिलाफ केस दर्ज हुआ.

आरोपी छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया गया प्रिंसिपल की आकस्मिक मौत का झूठा पत्र
वायरल हुए प्राचार्य के आकस्मिक मौत का पत्र
दोनों आरोपी बीसीए छात्रों के खिलाफ बुधवार रात मामला दर्ज किया गया
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ बुधवार रात मामला दर्ज किया गया. भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी राजकुमार यादव ने बताया कि दोनों छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4) (किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझकर नकली दस्तावेज बनाना) के तहत पंजीबद्ध किया गया.
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संस्थान के लेटरहेड की नकल करते हुए आरोपी छात्रों ने तैयार कराया लेटर
महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि 'आवश्यक सूचना' के शीर्षक वाले पत्र को संस्थान के लेटरहेड की नकल करते हुए तैयार किया गया था और इसमें कहा गया था कि प्राचार्य जैन के 'आकस्मिक देहांत' के कारण 15 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को होने वाली ऑनलाइन परीक्षा स्थगित कर दी गई है और सभी विषयों की कक्षाओं को स्थगित किया जाता है.
मौत की खबर सही मानकर लोग शोक जताने प्राचार्य के घर पहुंच गए
कॉलेज की प्राचार्य जैन ने कहा, उनकी मौत के फर्जी पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से वो और उनके परिजन बेहद परेशान हैं. पत्र को सही मानकर कई लोग शोक जताने के लिए मेरे घर भी पहुंच गए थे, पुलिस को दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आइंदा ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
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दोषी होने पर छात्रों को तीन साल कारावास और जुर्माना लगाया जा सकता है
जैन ने किसी भी व्यक्ति का नाम लिए बगैर कहा कि लम्बे समय से कुछ छात्र अलग-अलग हरकतों से उन्हें परेशान कर रहे हैं, ताकि वह प्राचार्य के तौर पर अपने शासकीय कर्तव्य को ठीक से नहीं निभा सकें. भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4) के तहत दोषी को तीन साल तक के कारावास की सजा हो सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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