BMC New Building Controversy: नगर निगम भोपाल की नई प्रशासनिक बिल्डिंग करोड़ों की लागत से बन कर तैयार है...लेकिन इस भव्य और हाई-टेक इमारत में एक बेहद चौंकाने वाली चूक सामने आई है. इस इमारत में परिषद हॉल का निर्माण ही नहीं किया गया है. चूंकि यह वही हॉल है जहां शहर के विकास और नीतियों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं लिहाजा इस मामले के सामने आते ही न सिर्फ निगम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है बल्कि सियासत भी गरमा गई है. हालांकि निगम का कहना है कि ये गलती नहीं है बल्कि हमारी प्लानिंग का हिस्सा है , इसे बाद में जरूर बनाया जाएगा.
नई बिल्डिंग में सबसे बड़ी चूक !
करोड़ों की लागत से बनी इस नई प्रशासनिक बिल्डिंग में आधुनिक सुविधाएं तो हैं, लेकिन प्लानिंग में सबसे बड़ी गलती यह हुई कि परिषद हॉल को शामिल नहीं किया गया. यह चूक इसलिए भी गंभीर है क्योंकि बिल्डिंग पास होने से पहले इसके प्लान को कई स्तरों पर चेक किया गया होगा. अब इस लेकर कई सवाल उठ रहे हैं? मसलन-
- क्या करोड़ों का बजट पास होने से पहले किसी ने प्लान की समीक्षा नहीं की?
- क्या जानबूझकर यह हिस्सा छोड़ा गया था?
- परिषद हॉल अब अलग से बनाने पर जो अतिरिक्त खर्च होगा, उसका बोझ कौन उठाएगा?
निगम ने दिया बजट की कमी का तर्क
निगम प्रशासन ने इस चूक को मानने के बजाय 'सीमित बजट'का हवाला दिया है. उनका कहना है कि यह गलती नहीं है, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से किया गया काम है. भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने NDTV के सवाल पर कहा- बजट सीमित था. इसलिए पहले प्रशासनिक बिल्डिंग पूरी की. भूलने जैसी बात नहीं, परिषद हॉल अलग से बनाएंगे. इसके लिए अलग से बजट पास होगा, फिर काम शुरू होगा.निगम का तर्क है कि परिषद हॉल को बिल्डिंग के पास की खाली ज़मीन पर अलग से बनाया जाएगा.
विपक्ष का गंभीर आरोप: कमीशनखोरी का है खेल
इस मामले पर कांग्रेस ने निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस इसे महज प्लानिंग की गलती नहीं, बल्कि कमीशनखोरी का सुनियोजित खेल बता रही है.कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि "ये कमीशनखोरी करने वाली सरकार है. पहले अधूरा निर्माण...अब दोबारा बजट लाकर दोगुना कमीशन खाएगी. 40 करोड़ में 50% कमीशन था,अब 10 करोड़ में 60% होगा." विपक्ष का कहना है कि जानबूझकर काम अधूरा छोड़ा जाता है ताकि बाद में दोबारा बजट पास कराकर मोटा कमीशन लिया जा सके. जाहिर है ये विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. इतने बड़े प्रोजेक्ट में इतनी बड़ी सुविधा का छूट जाना एक गंभीर प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है. यह प्लानिंग की गलती हो या फिर कमीशन का बहाना, फिलहाल निगम नए डिजाइन और बजट का प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
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