Bhopal Tablighi Ijtema: भोपाल (Bhopal) के ईंटखेड़ी में आयोजित 77वें आलमी तबलीगी इज्तिमा (Tablighi Ijtema) का समापन सोमवार को खास दुआओं के साथ हुआ. चार दिनों तक चले इस धार्मिक आयोजन में करीब 12 लाख लोग शामिल हुए. मौलाना साद साहब कांधलवी (Maulana Saad Saheb Kandhalvi) की नेतृत्व में हुई इस दुआ ए खास में देश और दुनिया के लिए अमन और खुशहाली की प्रार्थना की गई.
दुआ में गूंजी इंसानियत की पुकार
आयोजन के अंतिम दिन मौलाना साद साहब ने अरबी और उर्दू दोनों भाषाओं में दुआ कराई. इस दौरान उन्होंने दुआ में अल्लाह से जो कुछ मांगी उसका सार ये है. ए अल्लाह, हम गुनाहगार हैं, खतावार हैं, आपके हुक्म से गाफिल है, तेरी राह से भटक गए हैं, हम आपके नाफरमान हैं, लेकिन जो है, जैसे हैं तेरे बंदे हैं. ऐ अल्लाह हम तेरी किताब के कायल हैं, तेरे पैगंबर की सीरत को मानने वाले हैं! ए अल्लाह हम सभी पर रहम फरमा दे, ऐ अल्लाह पूरी दुनिया और खासकर हमारे देश भारत में अन-ओ-अमान कायम फरमा, ऐ अल्लाह हमें एक दूसरे के जान-ओ-माल का रखवाला बना, ऐ अल्लाह भारत की गंगा जमुनी तहजीब को मजबूत फरमा, ऐ अल्लाह जहां कहीं भी जो लोग परेशान हाल पर उन पर रहम फरमा. दुआ के दौरान मौजूद लोगों की आंखों में नदामत के आंसू थे और वे आमीन कहकर इसमें भाग ले रहे थे. दुआ के दौरान, इज्तिमा स्थल और आसपास तीन किलोमीटर तक हर शख्स खामोशी से जुड़ा रहा, मानो समय थम गया हो.
भीड़ और यातायात के बावजूद सफल आयोजन
चार दिनों में 12 लाख से अधिक लोगों के आने के बावजूद यातायात और भीड़ प्रबंधन शानदार रहा. यहां 70 पार्किंग स्थलों में हजारों वाहन व्यवस्थित तरीके से खड़े किए गए थे. हजारों स्वयंसेवकों और प्रशासन के प्रयासों से यातायात की समस्याओं को बड़ी आसानी से सुलझाया गया. आयोजकों ने पुलिस, प्रशासन और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया.
आमजन से लेकर जमात तक की भागीदारी
दुआ ए खास के बाद इज्तिमा में शामिल लोग अपने-अपने घरों को लौट गए. कुछ लोगों ने चार माह और चालीस दिन की जमातों में शामिल होकर धर्म प्रचार का संकल्प भी लिया.
आलमी तबलीगी इज्तिमा में हुई प्रेरणादायक तकरीरें
इज्तिमा के दौरान देशभर के उलेमाओं ने तकरीरें (धार्मिक उपदेश) कीं. इस दौरान मौलाना यूसुफ साहब और मौलाना हसन बलियावी ने लोगों को तबलीग की छह मुख्य बातें सिखाईं. इसके साथ ही उलेमा ने लोगों को नेक राह पर चलने और इंसानियत को प्राथमिकता देने की हिदायत दी. लोगों को बताया गया कि अल्लाह की मर्जी के बिना कुछ भी संभव नहीं है.
स्थानीय दुकानों और बाजारों में दिखी रौनक
इज्तिमा के दौरान स्थानीय खानपान स्टॉल और दुकानों पर खूब चहल-पहल रही. नारायण नाश्ता हाउस और सहाय फूड कॉर्नर जैसे स्टॉल्स पर लोगों की भारी भीड़ रही. वापसी के दौरान लोगों ने किसानों से अमरूद, मूली, संतरे और मेथी जैसी चीजें भी खरीदी.
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आयोजन की सफलता पर इज्तिमा इंतेजामिया कमेटी का आभार
आयोजन की सफलता पर इज्तिमा इंतेजामिया कमेटी ने जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, रेलवे, स्वास्थ्य विभाग और सभी विभागों का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
इज्तिमा बनी एक मिसाल
आलमी तबलीगी इज्तिमा न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह अमन और भाईचारे का प्रतीक बना. लाखों लोगों की मौजूदगी के बावजूद अनुशासन और सौहार्द का यह आयोजन अन्य आयोजनों के लिए एक मिसाल है.