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बलौदा बाजार में कलेक्टर दीपक सोनी की बड़ी कार्रवाई, प्रभारी प्राचार्य खूबचंद सरसीहा निलंबित, जानें पूरा मामला

Baloda Bazar News: कलेक्टर दीपक सोनी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन जवाब असंतोषजनक मिला. जिसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई.

बलौदा बाजार में कलेक्टर दीपक सोनी की बड़ी कार्रवाई, प्रभारी प्राचार्य खूबचंद सरसीहा निलंबित, जानें पूरा मामला

in-charge Principal Khubchand Sarsiha Suspended: छत्तीसगढ़ में 16 जून से स्कूल खुल चुके हैं. वहीं स्कूल खुलने के बाद बलौदा बाजार जिले में कई जगहों पर शिक्षकों की कमी को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. तो कई स्कूलों में शिक्षकों पर शिक्षा की मर्यादा भंग करने का आरोप लगा है. हालांकि एक ऐसा ही मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए बलौदा बाजार विकासखंड अंतर्गत स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अर्जुनी में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य को निलंबित कर दिया. 

एडमिशन के नाम पर वसूली... शराब पीकर के स्कूल पहुंचे सरसीहा

जानकारी के मुताबिक, प्रभारी प्राचार्य (मूल पद व्याख्याता एलबी) खूबचंद सरसीहा के खिलाफ शराब पीकर स्कूल आने, विद्यार्थियों और अभिवावकों से एडमिशन के नाम पर अवैध वसूली करने, अमर्यादित व्यवहार करने, कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने की शिकायत कलेक्टर को मिली थी. जिसके बाद कलेक्टर दीपक सोनी ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी थी. 

शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए. जिसके बाद ये रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपा. इस मामले में एक्शन लेते हुए कलेक्टर दीपक सोनी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन जवाब असंतोषजनक मिलने पर निलंबन की अनुशंसा की गई.

संचालक लोक शिक्षण ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उल्लंघन को गंभीर मानते हुए तत्काल निलंबन आदेश जारी कर दिया है. प्रभारी प्राचार्य का मुख्यालय निलंबन अवधि में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कसडोल निर्धारित किया गया है. इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा. प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल में माहौल बिगाड़ने वाले और विद्यार्थियों का भविष्य खराब करने वाले किसी भी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा. शिक्षक समाज में अनुशासन और संस्कार के वाहक होते हैं, ऐसे में अगर कोई शिक्षक स्वयं नियम तोड़े और नशे में आकर विद्यालय की गरिमा को गिराए तो उस पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है. 

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