छतरपुर : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में संचालित 108 एंबुलेंस सेवा इन दिनों बदहाली की शिकार है. कई गाड़ियों में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं हैं, जिनमें सिलेंडर हैं उनमें गैस नहीं है. मंगलवार दोपहर नौगांव से जिला अस्पताल रेफर हुई मऊरानीपुर निवासी की डेढ़ माह की बच्ची ने इसी बदहाली के चलते दम तोड़ दिया. नौगांव में बच्ची की हालत गंभीर थी और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था लेकिन ऑक्सीजन की कमी से रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया.
जानकारी के अनुसार मऊरानीपुर के आशिफ खान की बेटी सिदरा खातून मंगलवार सुबह बीमार हो गई. बच्ची के बीमार होने पर आशिफ उसका इलाज कराने छतरपुर के लिए निकले ताकि उसे समय पर इलाज मिल सके और जरूरत पड़ने पर वह ससुराल वालों से मदद ले सकें. इससे पहले वह छतरपुर पहुंचते बच्ची की नौगांव में तबियत अधिक बिगड़ गई. वह बच्ची को लेकर नौगांव अस्पताल पहुंचे. डेढ़ महीने की मासूम को एनीमिया था और उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था.
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फरार हो गया एंबुलेंस चालक
जिला अस्पताल में आशिफ ने एंबुलेंस में ऑक्सीजन न होने के आरोप लगाए तो मौके पर मौजूद लोगों ने सिलेंडर की जांच की जिसमें ऑक्सीजन नाम मात्र के लिए भी नहीं थी. मौका लगते ही चालक 108 एंबुलेंस को लेकर वहां से फरार हो गया. आशिफ ने बताया कि बच्ची की हालत बिगड़ने पर उन्होंने उसे ऑक्सीजन चढ़ाने को कहा था.
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खाली ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ चल रही एंबुलेंस
इतना कहते ही 108 एंबुलेंस की ईएमटी सुनीता कुशवाहा और चालक धीरेंद्र एक-दूसरे से झगड़ा करने लगे. दोनों को झगड़ते देख आशिफ ने कहा कि 'आप झगड़िए मत, मैं ऑक्सीजन सिलेंडर खोल कर बच्ची को लगा देता हूं.' खोलने पर उसे पता लगा कि सिलेंडर में तो ऑक्सीजन ही नहीं है. छतरपुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ लखन तिवारी ने कहा कि सिलेंडर में ऑक्सीजन न होने से बच्ची की मौत का मामला गंभीर है जिसमें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा.