MP News In Hindi: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हो रही झमाझम बरसात के चलते पिछोर इलाके में अचानक मैदान में खड़ी कार मिट्टी में धंसकने से उसमे भीतर समाती चली गयी. यह देखकर लोग भयभीत भी हुए और उनमें कौतूहल मच गया. फिर वहां, भीड़ इकट्ठी हो गई. कार को क्रेन से निकालने के बाद पता चला कि वहां सैकड़ों साल पुरानी एक सुरंग है, जिसे तत्कालीन शासक हम्मीरदेव ने आपातकाल के समय सुरक्षित रहने के लिए बनवाई थी. अब भीड़ में अपनी जान हथेली पर रखकर उसमे भीतर जाने की होड़ मची है.
लोगों को नहीं हो रहा था भरोसा
ग्वालियर जिले के ग्रामीण इलाकों में कुछ रोज से झमाझम बरसात हो रही है. पिछोर में भी लगातार हो रही बरसात से पूरा कस्बा जलमग्न हो गया था. लोगों को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था कि रामलीला मैदान में खुले में रखी कार अचानक धीरे-धीरे जमीन के भीतर समाती जा रही थी. कोई इसे भूत प्रेत का चक्कर कहने लगा, तो कोई कहने लगा जमीन फट रही है. यह देखकर वहां हड़कंप मच गया. पानी बंद होने पर कार मालिक सहित पूरा कस्बा वहां इकट्ठा हो गया.
बुलवानी पड़ गई क्रेन
क्रेन बुलवाकर जब उसकी मदद से कार बाहर निकाली गई तो लोग चौंक पड़े क्योंकि उसमें जीर्ण शीर्ण गुफानुमा सुरंग निकल आई. बरसात के कारण रामलीला मैदान की मिट्टी धसक गई, जिससे वहां पर बड़ा होल (सुरंग) बन गया. गड्ढा होने से वहां पर खड़ी कार सुरंग के अंदर चली गई, जिसे क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया.हादसे के बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ वहां जुट गई. लोग जान से खिलवाड़ कर सुरंग में घुसकर देखने का प्रयास करते रहे। हालांकि सुरंग काफी जीर्ण अवस्था में है. इसलिए लोग ज्यादा अंदर नहीं जा पा रहे.
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रजवाड़ा खानदान से है संबंध
ग्रामीणों का कहना है कि रामलीला मैदान जहां यह घटना घटित हुई वह रियासतकालीन राजा रजवाड़ा खानदान से जुड़ा हुआ है. बताते हैं कि पिछोर कस्बे के पहाड़ पर राजा का महल है, जो अब जीर्ण शीर्ण अवस्था में है. पिछोर पर तब राव हमीर देव की रियासत थी और उसी किले से सत्ता का संचालन राजा किया करते थे. उन्होंने आपदाओं से बचने के लिए इस किले का निर्माण कराया था और संकट के समय या दुश्मन से घिर जाने के बाद बचने के लिए उन्होंने कई सुरंग बनवाई थी ऐसी किंवदंतियां वे लोग वर्षो से सुनते आ रहे हैं.अब लोगो को लग रहा है कि यह सुरंग वही है.
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