
Madhya Pradesh High Court: गड़बड़ी की शिकायतों के बाद नौकरी से बर्खास्त किए गए परिवहन आरक्षकों (Transport Constables) ने हाई कोर्ट (High Court) की अलग-अलग बेंच में याचिकाएं दायर की हैं, लेकिन अब उन सभी की सुनवाई प्रिंसिपल सीट जबलपुर (Jabalpur High Court) में होगी. बर्खास्त किए गए परिवहन आरक्षकों की 13 याचिकाएं ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) में तो इंदौर बेंच में 2 याचिकाएं दायर की गई थीं. अब इन सभी की सुनवाई भी जबलपुर स्थित हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में की जाएगी.
क्या है मामला?
इस मामले में मध्य प्रदेश के परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने कोर्ट में जवाब पेश किया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि बर्खास्त किए गए महेंद्र कुमार, कुलदीप गुप्ता, रविंद्र मिश्रा और रोहित दुबे (जनरल श्रेणी) के मेरिट लिस्ट अनुसार 76 अंक थे, जबकि उनसे कम अंक प्राप्त करने वाले 15 लोग अभी भी बतौर परिवहन आरक्षक सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, सुमन सूर्यभान लोधी (ओबीसी) के 75 अंक थे और इसी श्रेणी में उनसे कम अंक प्राप्त करने वाले 3 लोग बतौर परिवहन आरक्षक सेवा में हैं.
सरकार ने महिला पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर इन पदों पर पुरुष आरक्षकों को भर्ती किया था. इसके खिलाफ एक महिला अभ्यर्थी द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. इसमें कहा गया कि महिला कोटे के विरुद्ध पुरुष अभ्यर्थियों को भर्ती करना, कानून के विरुद्ध है. कोर्ट ने महिला कोटे पर भर्ती पुरुष अभ्यर्थियों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया. इसके बाद 45 आरक्षकों को नौकरी से हटा दिया. अब इन बर्खास्त आरक्षकों की दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है.
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