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NDTV की मुहिम लाई रंग: शिक्षा माफियाओं को ज्यादा फीस वसूलना पड़ा भारी, अब लौटाने पड़ेंगे 81 करोड़ रुपये

Action Against Private Schools: कलेक्टर दीपक सक्सेना ने NDTV को बताया कि अभी तक के जांच में 11 निजी स्कूलों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें 80 से अधिक आरोपी बनाए गए हैं. यह आरोपी निजी स्कूलों के प्रिंसिपल, अधिकारी या प्रबंधन से जुड़े हुए लोग हैं.

NDTV की मुहिम लाई रंग: शिक्षा माफियाओं को ज्यादा फीस वसूलना पड़ा भारी, अब लौटाने पड़ेंगे 81 करोड़ रुपये

Jabalpur News Today: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) की ओर से निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शुरू की गई मुहिम का असर अब दिखने लगा है. इस संबंध में प्रशासनिक अमले ने भी सख्त रुख इख्तियार कर लिया है और वे शिक्षा माफिया को किसी तरह की छूट देने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. इसी कड़ी में जबलपुर (Jabalpur) के कलेक्टर ने ज्यादा फीस वसूलने वाले 11 स्कूल संचालकों के खिलाफ एफआईआर के साथ ही 22 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है. इसके अलावा अतिरिक्त वसूली गई 81 करोड़ रुपये की फीस भी वापस करने के आदेश दिए हैं.

लिटिल वर्ल्ड स्कूल

लिटिल वर्ल्ड स्कूल
Photo Credit: Sanjeev Chaudhary

इसके बाद हालात ये हो गई है कि जो लोग कल तक शहर के नामी लोग माने जाते थे. वही शिक्षा जगत के जाने पहचाने नाम जनता और अपने विद्यार्थियों से मुंह छुपाते फिर रहे हैं. दरअसल, पुलिस ने इनके खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी कर ली है. उन्हें  जेल भेजने के पहले सोमवार के चेकअप के लिए सरकारी अस्पताल लाया गया. जहां वे कैमरा देखकर मुंह छुपाते दिखे.

सेंट अलोयसिस रिमझा

सेंट अलोयसिस रिमझा
Photo Credit: Sanjeev Chaudhary

ये है मामला

 जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश के इतिहास में शिक्षा माफिया की कमर तोड़ कार्रवाई की है. इसी कड़ी में जबलपुर के 11 नामी निजी स्कूलों के 80 संचालकों के  खिलाफ 56 मुकदमे दर्ज किए हैं, जो गैरकानूनी रूप से फीस ज्यादा वसूलने, पुस्तक माफिया के साथ सांठगांठ करने और प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग के नियमों को न मानने से संबंधित है. इसे मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की दिखा अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.

जांच में मिले करोड़ों की अतिरिक्त वसूली के सबूत

जिले के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने NDTV को बताया कि अभी तक के जांच में 11 निजी स्कूलों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें 80 से अधिक आरोपी बनाए गए हैं. यह आरोपी निजी स्कूलों के प्रिंसिपल, अधिकारी या प्रबंधन से जुड़े हुए लोग हैं. इनके अलावा निजी बुक सेलर्स के संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है . प्रशासन की शुरुआती जांच में ही करोड़ों की अतिरिक्त वसूली के सबूत पुलिस और जिला प्रशासन को मिले हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

हल्के में ले रहे थे स्कूल संचालक

निजी स्कूलों के संचालक अभी तक इस कार्यवाही को पूर्व में की गई कार्रवाइयों की तरह कागजी कार्रवाई मानकर चल रहे थे. लेकिन, लगातार बीते 3 महीने से जिले के कलेक्टर दीपक सक्सेना के साथ NDTV की मुहिम  ने  निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली, प्राइवेट बुक सप्लायर की निजी स्कूलों के साथ सांठ गांठ समेत स्टेशनरी और यूनिफॉर्म जैसे बड़े गठजोड़ को बे नकाब करने के साथ ही कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है. इसी कड़ी में अभी तक पुलिस ने नौ थानों में अलग-अलग 11 FIR दर्ज की हैं, जिनमें कुल 80 आरोपी बनाए गए हैं. पुलिस ने इन में से 20 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य के विरुद्ध भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

इन स्कूलों के खिलाफ की गई कार्रवाई

शुरुआती जांच में जिला प्रशासन और पुलिस ने जबलपुर के क्राइस्ट चर्च सालीवाडा, लिटिल वर्ल्ड स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञान गंगा ऑर्किड, चैतन्य टेक्नो स्कूल, क्राइस्ट चर्च आईएससी स्कूल, सैंट अलोयसियस पोलीपाथर स्कूल, क्राइस्ट चर्च डाइसेशन स्कूल, सैंट अलोयसियस सदर स्कूल, सैंट अलोयसियस रिमझा और क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है. खास बात ये है कि इन स्कूलों में खरीदी गई 88% किताबें भी फर्जी आईएसबीएन नंबर की मिली थी, जिसमें 60 फीसदी कमीशन होने का मामला भी उजागर हुआ था.

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