World Childrens Day 2024: हर वर्ष 20 नवंबर को विश्वभर में बच्चों के बीच अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता और जागरूकता को बढ़ावा देने तथा बच्चों के जीवन में सुधार लाने के लिए विश्व बाल दिवस (World Children's Day) मनाया जाता है. विश्व बाल दिवस यूनिसेफ (UNICEF) का बच्चों के लिए, बच्चों के द्वारा मनाया जाने वाला वैश्विक दिवस है. यूनिसेफ का कहना है कि हमारा हर बच्चे के लिए स्वास्थ्य, सुरक्षा और खुशहाली का सपना है. विश्व बाल दिवस यूनिसेफ का बच्चों के लिए, बच्चों द्वारा कार्रवाई का वैश्विक दिवस है, जो बाल अधिकार कन्वेंशन को अपनाने का प्रतीक है.
"I wish I could wake up and go to school in a clean environment, where I do not hear the sound of bombs or see destruction," says 11-year-old Rafif from Gaza, State of Palestine.
— UNICEF (@UNICEF) November 17, 2024
For #WorldChildrensDay, this is her letter to adults. pic.twitter.com/EPEzMpCQsb
क्या है इतिहास? (World Children's Day History)
संयुक्त राष्ट्र (UN General Assembly) महासभा ने सिफारिश की कि सभी देश एक सार्वभौमिक बाल दिवस की स्थापना करें, जिसे बच्चों के बीच विश्वव्यापी भाईचारे और समझ के दिन के रूप में मनाया जाए. उसके बाद 20 नवंबर एक महत्वपूर्ण तारीख बन गई, क्योंकि इसी दिन 1959 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया था. इसी दिन 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को भी अपनाया था. 1990 से विश्व बाल दिवस उस तिथि की वर्षगांठ भी मनाता है जिस दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर घोषणापत्र और कन्वेंशन को अपनाया था. यह कन्वेंशन इतिहास में सबसे तेजी से और व्यापक रूप से स्वीकृत अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संधि है.
विश्व बाल दिवस हम में से प्रत्येक को बच्चों के अधिकारों की वकालत करने, उन्हें बढ़ावा देने और उनका उत्सव मनाने के लिए एक प्रेरणादायी अवसर प्रदान करता है, जो बच्चों के लिए एक बेहतर विश्व का निर्माण करेगा.
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इस बार की थीम क्या है? (World Children's Day 2024 Theme)
विश्व बाल दिवस के लिए 2024 का थीम "भविष्य को सुनें" ( “Listen to the Future”) है. यूनिसेफ का कहना है कि हम दुनिया को बच्चों की आशाओं, सपनों और भविष्य के लिए उनके दृष्टिकोण को सक्रिय रूप से सुनने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, बच्चों के भागीदारी के अधिकार को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसे में बच्चों को उस दुनिया के बारे में अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार दिया जाना चाहिए जिसमें वे रहना चाहते हैं, और यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उनके दृष्टिकोण को सुनें और उनका सपोर्ट करें.
नीले रंग की रोशनी से जगमगा उठती हैं हमारी विरासतें
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— UNICEF India (@UNICEFIndia) November 20, 2022
Today is the day! #GoBlue across India 🇮🇳
Pic 1: Chhatrapati Shivaji Terminus, Maharashtra
Pic 2: Mandu village, Madhya Pradesh
Pic 3: Rumi Darwaza, Uttar Pradesh
Pic 4: Howrah Bridge, West Bengal#WorldChildrensDay pic.twitter.com/16LRgoForv
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विश्व बाल दिवस के मौके पर महत्वपूर्ण इमारतों पर नीली रोशनी की जाती है. इस बार विश्व बाल दिवस पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, कुतुब मीनार, हावड़ा ब्रिज जैसी 230 प्रतिष्ठित स्मारकों से लेकर संयुक्त राष्ट्र भवन की सारी इमारतें और 120 बाल देखभाल संस्थान भारत में नीली रोशनी से रंगे गए. विश्व बाल दिवस और बाल अधिकारों के सम्मेलन के महत्व को चिह्नित करने के लिए ऐतिहासिक शहर हैदराबाद में प्रतिष्ठित चारमीनार नीले रंग में रोशन हुई.
November 20 is marked as World Children's Day. #unicef CSOs mark the day and week as child rights week. #GoBlue is one of the themes of this year's World Childrens Day to stand for child rights. #mandu#indore#mptourism #worldchildrensday @mptourism @UNICEFIndia pic.twitter.com/Mt61EZgnoB
— Indore Commissioner (@comindore) November 19, 2024
मध्यप्रदेश के झाबुआ और धार के गांव यूनिसेफ के नीले रंग में रंग गए. विश्व बाल दिवस पर मध्य प्रदेश में 75 से ज्यादा प्रतिष्ठित ऐतिहासिक इमारतें नीले रंग में रंग गई. 13वीं सदी का राजसी स्मारक और भारत की शान बना ओडिसा का कोणार्क सूर्य मंदिर विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर नीली रोशनी से नहाया. राजस्थान के जयपुर में शाही हवा महल ने भी विश्व बाल दिवस पर नीले रंग में अद्भूत छटा बिखेरी. मुंबई,महाराष्ट्र का ऐतिहासिक टर्मिनल ट्रेन स्टेशन और यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल विक्टोरिया टर्मिनस जिसे वर्तमान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के नाम से जाना जाता है, बाल दिवस पर बच्चों के अधिकारों के प्रति आवाज उठाने को नीले रंग से सरोबार हुआ.
Today, UNICEF marks 75 years with India. 🥳
— UNICEF India (@UNICEFIndia) May 10, 2024
On 10 May 1949, UNICEF started with just three staff members. Since then, has been working for and with children, families, and communities across the country.
Our work and mission have been made possible with the steadfast support of… pic.twitter.com/7fVS6jN3SN
भारत और यूनिसेफ के 75 साल पूरे
भारत में इस वर्ष यूनिसेफ के मानवता को बढ़ावा देने के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं. भारत सरकार और यूनिसेफ के बीच संबंधों की शुरुआत को चिह्नित करने वाले बुनियादी सहयोग समझौते पर 10 मई 1949 को हस्ताक्षर किए गए थे. यूनिसेफ के अनुसार भारत में गरीबी में 21 प्रतिशत के स्तर तक आ गई है, साथ ही साथ नवजात शिशुओं की मृत्यु दर भी आधी हो गयी है. 80 प्रतिशत महिलाओं का प्रसव अब स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षित वातावरण एवं परिवेश में हो रहा है, यही नहीं पहले की तुलना में अब स्कूल ना जाने वाले बच्चों की संख्या में 20 लाख की कमी आई है अर्थात अब स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की संख्या में भी काफी कमी आयी है. ये आंकड़े एक ऐसे देश के लिए विशेष उपलब्धि है, जो विश्व की आबादी का लगभग छठा हिस्सा है.
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