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World Children Day: विश्व बाल दिवस पर सांची सहित MP की 100 इमारतें ब्लू लाइट से हुईं सराबोर

World Children Day 2025: दुनिया में 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ ने बच्चों के मुद्दों को सार्वजनिक एजेंडे में उनके अधिकारों को सामने लाने की जिम्मेदारी ली है. गो ब्लू फॉर चिल्ड्रन के आह्वान का मकसद बच्चों का सम्मान करना, उनके अधिकारों का समर्थन करना और उनकी आवाज बुलंद करना है.

World Children Day: विश्व बाल दिवस पर सांची सहित MP की 100 इमारतें ब्लू लाइट से हुईं सराबोर
World Children Day: विश्व बाल दिवस पर सांची सहित MP की 100 इमारतें ब्लू लाइट से हुईं सराबोर

World Children Day 2025: पूरी दुनिया गुरुवार यानी 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मना रही है. इस मौके पर मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थल सांची सहित 100 इमारतें ब्लू लाइट से सराबोर हुईं. इसका मकसद आम लोगों को बच्चों के अधिकार और उनकी जरूरत से अवगत कराना है. साथ में जन सामान्य का ध्यान इस तरफ खींचना भी है. विश्व बाल दिवस के उपलक्ष्य में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सांची के ऐतिहासिक स्तूप सहित 100 इमारतों को ब्लू लाइट से रोशन होना बच्चों के अधिकारों के प्रति एकजुटता का प्रतीक बन गया. विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या 19 नवंबर और बाल दिवस की संध्या 20 नवंबर को ऐतिहासिक इमारतें ब्लू लाइट की रोशनी से सराबोर होंगी.

Go Blue थीम

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इन दो दिनों को 'बाल अधिकार सप्ताह' के रूप में मना रहा है. इस वर्ष के विश्व बाल दिवस की थीम में से एक महत्वपूर्ण थीम है 'गो ब्लू', जिसका अर्थ है बच्चों के अधिकारों के लिए खड़ा होना और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाना.

इसी वैश्विक आह्वान के तहत एएसआई ने सांची के इस प्राचीन और भव्य स्मारक को ब्लू लाइट की रोशनी से सराबोर कर दिया. 'गो ब्लू' पहल का मकसद बाल अधिकारों के महत्व को जन सामान्य के सामने लाना और समाज का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का एक सशक्त माध्यम है. सांची के स्तूप का ब्लू लाइट से जगमगाना न केवल एक विहंगम दृश्य प्रस्तुत कर रहा था, बल्कि यह संदेश भी दे रहा था कि बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मौलिक अधिकार सर्वोपरि हैं.

यह पहल विश्व धरोहरों को सामाजिक जागरूकता के मंच के रूप में उपयोग करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. यह आयोजन बच्चों के अधिकारों के प्रति भारतीय पुरातत्व विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह याद दिलाता है कि प्रत्येक बच्चे के लिए एक सुरक्षित और बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना सामूहिक जिम्मेदारी है.

क्या है इतिहास?

दुनिया में 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ ने बच्चों के मुद्दों को सार्वजनिक एजेंडे में उनके अधिकारों को सामने लाने की जिम्मेदारी ली है. गो ब्लू फॉर चिल्ड्रन के आह्वान का मकसद बच्चों का सम्मान करना, उनके अधिकारों का समर्थन करना और उनकी आवाज बुलंद करना है.

इस मौके पर दुनिया भर में 19 और 20 नवंबर को महत्वपूर्ण विरासत भवनों और स्मारकों को गो ब्लू के अंतर्गत ब्लू लाइट से रोशन किया जाता है. मध्य प्रदेश में बच्चों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए 19 नवंबर की मध्य रात्रि से 20 नवंबर की मध्य रात्रि तक मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और मध्य प्रदेश सरकार के पुरातत्व विभाग के सहयोग से 100 से ज्यादा इमारतों को ब्लू लाइट से रोशन किया गया है.

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