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This Article is From Apr 24, 2024

EVM News: लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने EVM पर दी ये चौंकाने वाली जानकारी

EVM News: अधिकारी ने शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि मतदान समाप्त होने के बाद तीनों इकाइयों को सील कर दिया जाता है. इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से कहा कि वे ईवीएम से संबंधित कुछ तकनीकी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को दोपहर दो बजे उपस्थित रहने के लिए कहें.

EVM News: लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने EVM पर दी ये चौंकाने वाली जानकारी

Supreme Court Order EVM: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बीच चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया है कि ईवीएम (EVM) की तीनों इकाइयों का अपना-अपना माइक्रोकंट्रोलर होता है. भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की तीनों इकाइयों (बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट) का अपना-अपना माइक्रो कंट्रोलर होता है.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि ये माइक्रोकंट्रोलर सुरक्षित अनाधिकृत एक्सेस मॉड्यूल में रखे गए हैं, इसलिए इन्हें भौतिक रूप से एक्सेस नहीं किया जा सकता है. पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे.

सिर्फ एक बार प्रोग्राम करने योग्य है माइक्रोकंट्रोलर

अधिकारी ने अदालत को बताया कि मतदान प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले माइक्रोकंट्रोलर "एक बार प्रोग्राम करने योग्य" हैं और विनिर्माण के समय डाले गए इस प्रोग्राम को बाद के चरण में नहीं बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि दो निर्माता इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) तैयार करते हैं.

चुनाव के बाद भी ईवीएम को 45 दिनों रखा जाता है सुरक्षित

चुनाव निकाय अधिकारी ने बताया कि मतगणना समाप्त होने के बाद सभी ईवीएम को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव याचिका दायर करने के लिए प्रदान की गई 45 दिन की सीमा अवधि समाप्त होने तक संग्रहीत किया जाता है. इसके बाद, 46वें दिन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी संबंधित उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को यह पता लगाने के लिए लिखते हैं कि क्या कोई चुनाव याचिका दायर की गई है और नकारात्मक उत्तर प्राप्त होने के बाद ही जिला अधिकारियों को स्ट्रॉन्ग रूम खोलने का निर्देश दिया जाता है. यदि कोई चुनाव याचिका दायर पाई जाती है, तो स्ट्रॉन्ग रूम सील कर दिए जाते हैं और "कोई भी इसे छूता नहीं है".

अधिकारी ने शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि मतदान समाप्त होने के बाद तीनों इकाइयों को सील कर दिया जाता है. इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से कहा कि वे ईवीएम से संबंधित कुछ तकनीकी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को दोपहर दो बजे उपस्थित रहने के लिए कहें.

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उसने यह जानने की कोशिश की कि क्या माइक्रोकंट्रोलर कंट्रोलिंग यूनिट में या वीवीपीएटी (वोटर-वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) में स्थापित है और क्या इस्तेमाल किया गया माइक्रोकंट्रोलर "वन-टाइम प्रोग्रामेबल" है या नहीं. पिछले सप्ताह, शीर्ष अदालत ने जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ ईवीएम में डाले गए वोटों के अनिवार्य क्रॉस-सत्यापन की मांग की गई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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