
Gang Rape Case: मध्य प्रदेश के मंदसौर में 26 जून 2018 को स्कूली छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को मंदसौर कोर्ट ने अब उम्र कैद की सजा सुनाई है. इस मामले में ट्रायल और हाई कोर्ट में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन आरोपियों की तरफ से मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में मामला निचली अदालत में भेजा था, जिस पर सोमवार को यह फैसला आया है. आइए जानते हैं पूरा मामला.
क्या था मामला?
मंदसौर शहर के एक स्कूल में पढ़ने वाली 7 वर्ष की स्कूली छात्रा जब स्कूल से अपने घर जा रही थी तब 26 जून 2018 को आरोपियों ने उसका अपहरण कर लिया था. किडनैप करने बाद उन्होंने बच्ची के साथ गैंगरेप किया और उसे गंभीर रूप से घायल भी किया था. इसके बाद उसे मरा समझ कर झाड़ियों में छोड़ कर चले गए थे. इस घटना में बच्ची के प्राइवेट पार्ट और आंत गंभीर रूप से चोटिल हुई थी. उसके गले में भी सात टांके आए थे. इसके अलावा इसके शरीर पर भी जगह-जगह दांतों के निशान थे.
दोनों आरोपियों पर 8 जुलाई 2018 को मंदसौर पुलिस ने आरोप तय किए थे. इस मामले में 21 अगस्त 2018 को पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी.
सजा ऐसे बदली
फांसी की सजा को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कंफर्म किया था. उसके बाद 16 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा टालकर मामला निचली अदालत में भेजा था. जहां सोमवार 30 जून 2025 को अदालत ने दोनों को जीवन पर्यंत जेल में रहने की सजा सुनाई. दोनों आरोपी अभी उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में है. इस मामले में इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी.
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