Eye Care Tips: हम सबसे ज्यादा आंखों पर अत्याचार करते हैं, जो धूल, मिट्टी, प्रदूषण के अलावा मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर की स्क्रीन को देखकर बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं. एक उम्र के बाद तो आंखों की रोशनी से लेकर आंसू बनने की प्रक्रिया तक धीमी हो जाती है. ऐसे में 40 की उम्र में आपको कैसे अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहिए और इस उम्र में आंखों में किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है आइए हम आपको बताते हैं.
40 के बाद हो सकती हैं आंखों की ये बीमारियां | These eye diseases can happen after 40
1. प्रेसबायोपिया
40 साल की उम्र के बाद सबसे आम समस्या जो आंखों में हो सकती है वो है प्रेसबायोपिया, इसमें व्यक्ति पास की चीजों को ठीक तरीके से देख नहीं पाता है और इससे आंखों में स्ट्रेस, सिरदर्द जैसी समस्याएं और तेजी से बढ़ सकती हैं. इससे बचने के लिए 40 की उम्र से पहले ही अपनी आंखों की जांच करवा लें और जरूरी हो तो चश्मा लगाना भी शुरू कर दें.
2. रेटिनल एजिंग
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे रेटिनल एजिंग का खतरा भी बढ़ जाता है. इसमें सेंसिटिव आई, आंखों में धुंधलापन, रंगों को समझ पाने में दिक्कत और सुई में धागा पिरोने जैसी आम समस्याएं हो सकती हैं.
3. मोतियाबिंद
मोतियाबिंद तब होता है जब आंख का लेंस धुंधला हो जाता है, जिससे आपको धुंधला दिखाई देने लगता है. उम्र के साथ मोतियाबिंद के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. आंखों के धुंधले लेंस को हटाने और आर्टिफिशियल लेंस लगाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती हैं.
4. ड्राई आई सिंड्रोम
ड्राई आई तब होती है जब आंखें पर्याप्त आंसू नहीं बनाती हैं या आंसू बहुत जल्दी वाष्पित हो जाते हैं. जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, ड्राई आई सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके लक्षणों में सूखापन, खुजली, लालिमा शामिल हो सकती है.
5. रेटिनल डिटैचमेंट
40 साल के बाद रेटिनल डिटैचमेंट का जोखिम बढ़ता जाता है. ये तब होता है जब रेटिना या आंख के पीछे टिश्यू की पतली परत अपनी पोजीशन से अलग हो जाती है. गंभीर स्थिति में इससे आंखों का अंधापन भी हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.