
छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले से बड़ी खबर सामने आई है. हज़ारों B. Ed प्रशिक्षित शिक्षक जो अब नौकरी से बाहर निकाले जा चुके हैं... वे अब परेशान हैं. पिछले 97 दिनों से ये शिक्षक शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं. अब इनका धैर्य टूट चुका है. इसी वजह से उन्होंने प्रदेश के CM और राज्य के सभी मंत्रियों को अपने खून से पत्र लिखे हैं. इन पत्रों में उन्होंने अपने जीवन और परिवार को बचाने की अपील की है. इसे लेकर शिक्षकों ने कहा कि वे कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं. वे केवल अपना हक माँग रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के पास उन्हें फिर से नौकरी देने का अधिकार है... बस सरकार को जल्दी फैसला लेना चाहिए. अगर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो शिक्षक मजबूर होकर बड़ा आंदोलन करेंगे. धरना स्थल पर बड़ी संख्या में शिक्षक जुटे. उन्होंने बताया कि वेअपने भविष्य की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
क्या है मामला ?
28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि बी. एड. डिग्री वाले शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के योग्य नहीं हैं. इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने 31 दिसंबर 2024 को लगभग 3,000 शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया. तब से ये शिक्षक रायपुर के तूता धरना स्थल पर बैठे हैं.
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शिक्षकों ने साफ कहा है कि अगर मार्च के अंत तक कोई हल नहीं निकला, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे. फिलहाल शिक्षक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनका दर्द सुना जाएगा और उन्हें फिर से काम करने का मौका मिलेगा.
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