
Fake Doctor Arrested: दमोह जिले के एक मिशनरी अस्पताल में हॉर्ट की सर्जरी कराने वाले 15 मरीजों में से 7 मरीजों की मौत के मामले में गिरफ्तार हुए फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र जॉन कैम ने कथित तौर पर साल 2006 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का इलाज किया था. यह खुलासा खुद उनके बेटे प्रदीप शुक्ल ने किया है.
'जुजर भाई मजबूरी के चलते ढाई लाख चुराए हैं,' दुकान पर छोड़े लेटर में चोर ने आगे लिखा, 'आपके मोहल्ले का ही हूं'
साल 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष थे राजेद्र शुक्ल
साल 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की सर्जरी और मौत का खुलासा करते हुए उनके बेटे प्रदीप शुक्ला ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की 20 अगस्त, 2006 को अपोलो अस्पताल में हुई सर्जरी के बाद मौत हो गई थी.
प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया फर्जी डाक्टर नरेंद्र जॉन कैम उर्फ नरेंद्र यादव
गौरतलब है मध्य प्रदेश पुलिस ने दमोह जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एम के जैन की शिकायत पर रविवार आधी रात को आरोपी कथित डॉक्टर नरेंद्र जॉन कैम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और सोमवार को 7 मरीजों के हत्यारे फर्जी लंदन रिटर्न डाक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम को गिरफ्तार कर लिया.
Viral News: थाने में घुसी 3 लड़कियां, पहले दी गंदी-गंदी गालियां, फिर कांस्टेबल को जड़ दिया थप्पड़
नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के हृदय की सर्जरी का सुझाव दिया था
62 वर्षीय प्रदीप शुक्ल ने बताया कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने ही उनके पिता के हृदय की सर्जरी का सुझाव दिया था और अपने हाथों से उन्होंने सर्जरी को अंजाम दिया था. उन्होंने आगे बताया कि सर्जरी के बाद उन्हें 20 अगस्त, 2006 को मृत घोषित किए जाने से पहले करीब 18 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था.
फर्जी डाक्टर के खिलाफ पहले भी शिकायतें हुई थीं, लेकिन हर बचता रहा आरोपी
फर्जी डाक्टर द्वारा की गई सर्जरी से पिता के समय से पहले गंवाने का दुख जाहिर करते हुए प्रदीप शुक्ला ने बताया कि आरोपी डाक्टर के खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिलासपुर इकाई ने उनकी जांच की थी, लेकिन हर बार वह बचकर निकल जाता रहा.
Father Son Death: बेटे को पहले पटक-पटक कर मार डाला, फिर खुद सूली पर चढ़ गया पिता
फर्जी डाक्टर द्वारा इलाज किए गए लगभग 80 % मरीजों की अस्पताल में मौत हुई
पीड़ित प्रदीप शुक्ला ने बताया कि, 'उनके पिता की मृत्यु के बाद, यादव द्वारा इलाज किए गए रोगियों की मृत्यु के कुछ और मामले सामने आए, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें अपोलो अस्पताल छोड़ने के लिए कहा. क्योंकि यादव द्वारा इलाज किए गए लगभग 80 प्रतिशत रोगियों की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.
अपोलो अस्पताल के खिलाफ जांच होनी चाहिए, उन्होंने सरकार को धोखा दिया
शुक्ल ने कहा कि, एक तरह से उनके पिता और अन्य रोगियों की फर्जी हॉर्ट सर्जन द्वारा हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि जब उनकी पिता की मृत्यु हुई, तब वह विधायक थे और उनके इलाज का खर्च राज्य सरकार ने वहन किया था. उन्होंने फर्जी डाक्टर और अपोलो अस्पताल के खिलाफ जांच की जानी चाहिए, क्योंकि उन्होंने भी सरकार को धोखा दिया है.
MP Sports In Trouble: मध्य प्रदेश की तीन और स्पोर्ट्स अकादमियों पर मंडराया बंद होने का खतरा, जल्द गिर सकती है गाज
सीएमओ ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन से मांगी है यादव से जुड़ी सारी जानकारी
बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने बताया कि मामला सामने आने के बाद उन्होंने अपोलो अस्पताल प्रबंधन से यादव के बारे में सारी जानकारी मांगी है. अस्पताल प्रबंधन से 8 अप्रैल की सुबह 18-19 साल पहले वहां कार्यरत रहे डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य के बारे में जानकारी देने को कहा गया है.
जांच समिति करेगी आरोपी डाक्टर व अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई
डॉ. तिवारी ने बताया कि जो जानकारी मांगी गई है, उसमें यह भी शामिल है कि वह कब से वहां काम कर रहा था, उसकी डिग्री क्या है और उसने कितने लोगों का ऑपरेशन किया. उन्होंने कहा कि अगर मामले में कोई अनियमितता पाई जाती है तो उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर संबंधित व्यक्ति और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.
Exam में फेल करने की धमकी देकर छात्रों के साथ शिक्षक करता था गंदा काम, शिकायत के बाद सामान समेट कर भागा
दमोह मिशन अस्पताल में तैनात था फेक डाक्टर नरेंद्र जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य
उल्लेखनीय है दमोह के मिशन अस्पताल में पदस्थापित रहे हॉर्ट सर्जन स्पेशलिस्ट नरेंद्र जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को सोमवार को दमोह पुलिस की टीम ने प्रयागराज से हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. आरोप है कि फर्जी सर्जन ने मिशन अस्पताल में कुल 15 मरीजों के दिल की सर्जरी की,.जिनमें 7 की मौत हो गई.
ये भी पढ़ें-पकड़ा गया दमोह का 'डॉक्टर डेथ': जानिए 7 मरीजों की मौत का आरोपी फर्जी लंदन रिटर्न डॉक्टर का पूरा कच्चा चिट्ठा