Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (CG High Court) में दुष्कर्म पीड़िता (Rape Victim) द्वारा गर्भपात की अनुमति के लिए दायर याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) के आधार पर पीड़िता को गर्भपात (Abortion) की अनुमति दे दी. वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड (Medical Board) द्वारा सौंपी गई एक पेज की रिपोर्ट पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. अदालत ने इसे अपर्याप्त और असंवेदनशील करार देते हुए फटकार लगाई और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में मेडिकल बोर्ड को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए. अदालत के निर्देश के बाद मेडिकल बोर्ड ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि गर्भपात से पीड़िता की जान को कोई खतरा नहीं है. विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर ही कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति प्रदान की है.
कोर्ट ने ये भी कहा
इस मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ऐसे मामलों में निर्णायक होती है और इसलिए उसे पूरी गंभीरता और सटीकता के साथ तैयार किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की स्वास्थ्य स्थिति और सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी लापरवाही की अनुमति नहीं दी जाएगी. गर्भपात की अनुमति मिलने के बाद पीड़िता और उसके परिजनों ने राहत महसूस की. यह मामला न केवल न्याय प्रणाली बल्कि मेडिकल संस्थानों के प्रति भी जिम्मेदारी की ओर ध्यान आकर्षित करता है. कोर्ट ने इस सुनवाई के माध्यम से यह संदेश दिया कि दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मामलों में पीड़िता के अधिकार और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
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