Veer Bal Diwas 2024: सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. परिवार की शहादत को सब नमन करते हैं. उनके दो छोटे साहिबजादों ने निरंकुश शासक के आगे झुकने से इनकार कर दिया और डट कर आततायी का सामना किया. उन नन्हें साहिबजादों को श्रद्धा से याद करने का दिन है 26 दिसंबर. इस बार पहली बार महान वीर गाथा की महत्ता बताने के लिए भारत के वीर बच्चों को सम्मानित किया जाएगा. इस दिवस को सिख समुदाय में बड़े उत्साह से मनाया जाता है. यह दिन न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है. साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करते हुए इस दिन विशेष कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
वीर बाल दिवस के अवसर पर धर्म, राष्ट्र व मातृभूमि की रक्षा में गोबिन्द सिंह जी के साहिबजादों बाबा ज़ोरावर सिंह जी व बाबा फतेह सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूँ।
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) December 26, 2023
उनका त्याग, बलिदान और समर्पण युगों-युगों तक प्रेरणादायी रहेगा। pic.twitter.com/rHxXSOZLul
क्या है इतिहास? (Veer Bal Diwas History)
26 दिसंबर को 1705 में इन महान सपूतों को धर्म नहीं बदलने पर मुगल सेनापति वजीर खान ने उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया था. 26 दिसंबर को सरहिंद के नवाज वजीर खान ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को खुले आसमान के नीचे कैद कर दिया. वजीर खान ने दोनों छोटे साहिबजादों को धर्म परिवर्तन के लिए कहा लेकिन दोनों साहिबजादों ने 'जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' के जयकारे लगाते हुए धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया. वजीर खान ने दोनों साहिबजादों को धमकाते हुए कहा कि कल तक या तो धर्म परिवर्तन करो या मरने के लिए तैयार रहो.
वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है, जो सिख इतिहास से जुड़ा एक महत्वपूर्ण दिन है. 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का मुख्य कारण सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह और उनके छोटे भाई पांच साल के बाबा फतेह सिंह की वीरता को सम्मानित करना है. यह निर्णय भारत सरकार ने लिया है. इसका उद्देश्य देश के युवा और बच्चों को उनके उत्कृष्ट योगदान और कार्यों के लिए सम्मानित करना है.
आइए, 26 दिसंबर को मिलकर वीर बाल दिवस मनाएं और इस बच्चे की तरह हम भी वीरता का उदाहरण बनें और समाज को प्रेरित करें! #VeerBaalDiwas #VeerBalDiwas pic.twitter.com/1IZZ7rFnyH
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) December 25, 2024
17 बच्चों का सम्मान करेंगी राष्ट्रपति (Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar)
पहली बार गणतंत्र दिवस के बजाए देश के बाल पुरस्कार 26 दिसंबर को दिए जाएंगे. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अवसर पर इस बार पुरस्कृत होने वाले सभी 17 बच्चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "आगामी 26 दिसंबर को हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों के साथ वीर बाल दिवस मनाएंगे, जिन्होंने साबित किया कि दृढ़ संकल्प से हर मुकाम हासिल हो सकता है. इन बाल प्रतिभाओं से प्रेरणा लें और एक विकसित भारत बनाएं."
वीर बाल दिवस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम 26 दिसंबर 2024 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. यह दिन युवा दिमागों के पोषण, उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने और उन्हें विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए प्रेरित करने पर केंद्रित होगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुपोषित पंचायत योजना का शुभारंभ करेंगे और मार्च पास्ट को हरी झंडी दिखाएंगे. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी उद्घाटन भाषण देंगी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं और गणमान्य व्यक्तियों सहित लगभग 3,500 बच्चे भाग लेंगे.
यह कार्यक्रम बच्चों के संघर्ष, उनकी मेहनत और सफलता को सराहने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा. कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हुए एक मार्च पास्ट का आयोजन किया जाएगा. इस समारोह में 3500 बच्चे भाग लेंगे, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पोषण सुरक्षा को मजबूती से बढ़ावा देना है. इसके अलावा माई गॉव/माई भारत पोर्टल पर ऑनलाइन गतिविधियां सहित देश भर के स्कूलों, बाल देखभाल संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों में कहानी सुनाने, रचनात्मक लेखन, पोस्टर बनाने, निबंध लेखन, कविता और प्रश्नोत्तरी जैसी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे.
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