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This Article is From Feb 09, 2024

Chhattisgarh: देश का सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम राजनांदगांव में स्थापित, जानिए क्या है खासियत?

Solar power plant:देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम छत्तीसगढ़ में स्थापित किया गया है, जो100 मेगावाट का सोलर संयंत्र है. इस प्लांट की प्रमुख विशेषता ये है कि इसमें 660 वाट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं. 

Chhattisgarh: देश का सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम राजनांदगांव में स्थापित, जानिए क्या है खासियत?

Solar power plant established: सौर ऊर्जा के क्षेत्र में  देश का सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar power plant) छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में स्थापित किया गया है. ये राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले में डोंगरगढ़ रोड पर ग्राम ढ़ाबा के आस-पास के 4-5 गांव के पहाड़ी क्षेत्र में स्थापित किया गया है. संयंत्र के साथ स्थापित बैटरी सिस्टम के जरिए रात में भी बिजली सप्लाई की सुविधा होगी. इससे हर दिन 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा और लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. जिससे हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा.

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100 मेगावाट का सोलर संयंत्र स्थापित

क्रेडा ने राजनांदगांव में ऑनग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापना का काम सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपा था. इस कंपनी ने इसी महीने संयंत्र स्थापना कर कार्यशील किया है. अफसरों का दावा है कि ये देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम है, जिसमें 100 मेगावाट का सोलर संयंत्र स्थापित है. इस प्लांट की प्रमुख विशेषता ये है कि इसमें 660 वॉट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं. जिससे पैनल के दोनों ओर से प्राप्त सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का निर्माण किया जा रहा है. इसकी कुल परियोजना लागत 960 करोड़ रूपये है, जो कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर अगले सात सालों तक मिल जाएगी. 

उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा

इस पार्क के जरिए प्रति दिन लगभग 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. जिससे लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है और हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिल रहा है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह परियोजना देश और प्रदेश में उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा. 

साल 2016 को हुई थी शुरुआत 

बता दें कि राजनांदगांव जिले के बैरन पहाड़ी क्षेत्र के उत्तम उपयोग के दृष्टिकोण से देश और प्रदेश के पहले सोलर पार्क की स्थापना का निर्णय लिया गया. इसे साल 2016 में शुरु किया गया था. इसके तहत ग्रिड कनेक्टेड मेगा साईज सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने दो चरणों में सोलर पार्क की स्थापना का काम प्रस्तावित किया. इसके लिए 17 गांव की 626.822 हेक्टेयर शासकीय भूमि की मांग की गई थी. जिसमें कुल 09 गांव की 377.423 हेक्टेयर भूमि राजनांदगांव ने जिला प्रशासन आबंटित की थी. 

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ये गांव हैं शामिल 

सोलर पार्क स्थापना के पहले चरण में 05 गांव के (16 खसरे) कुल 181.206 हेक्टेयर सरकारी जमीन का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया. इनमें ढाबा, कोहका, रेंगाकठेरा, डुंडेरा, अमलीडीह तहसील व डोंगरगांव शामिल हैं, जबकि दूसरे चरण में 04 गांव के 196-217 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया. इनमें ग्राम ओडारबंध, गिरगांव, टोलागांव, घुघुवा तहसील डोंगरगांव शामिल हैं. 

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