विज्ञापन

सूख गए जलस्त्रोत! बूंद-बूंद पानी को मोहताज हुए दर्जनों परिवार, प्यास बुझाने करनी पड़ रही ऐसी मशक्कत 

CG News: छत्तीसगढ़ के बारंबांध गांव में पीने के पानी के जल स्त्रोत सूख चुके हैं. यहां के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को मोहताज हो गए हैं. प्यास बुझाने के लिए मासूम बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को काफी मशक्क्त करनी पड़ रही है. 

सूख गए जलस्त्रोत! बूंद-बूंद पानी को मोहताज हुए दर्जनों परिवार, प्यास बुझाने करनी पड़ रही ऐसी मशक्कत 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम पंचायत जगतपुर के अश्रित गांव बारंबांध में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं. गांव के लोग ढोंढ़ी के सहारे अपनी कंठ की प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन ढोंढ़ी भी अब सूख चुकी है. आलम यह है कि लोग ढोंढ़ी में नीचे उतर कर लोटा और कटोरी के सहारे पानी से बाल्टी भर रहे हैं. 

ग्रामीणों ने इस काम में घर के बच्चों को भी लगा दिया है. बच्चे पानी जमा करते हैं, जिन्हें ग्रामीण बारी-बारी घर लेकर जाते हैं. लोगों का कहना है कि पीने के लिए पानी तो मिल नहीं रहा है, ऐसे में निस्तार कहां से करें? बैकुंठपुर विकासखण्ड में आने वाला यह गांव पहाड़ी क्षेत्र में बसा हुआ है. बीते तीन साल पहले यहां प्रशासन की ओर से बोर खनन कराया गया. लेकिन वह भी सफल नहीं हुआ. गांव के चार वार्ड में 400 लोग निवास करते हैं. जिसमें अधिकांश आदिवासी समाज के लोग निवासरत हैं.  गांव में 8 कुआं नुमा ढोंढ़ी बनी है, जिनमें कुछ शासकीय तो कुछ प्राइवेट है, जिनमें अब पानी सूख चुका है। लोगों को पानी लेने के लिए बारबांध से सटे कोरिया कॉलरी डेढ़ किमी पैदल चलकर जाना पड़ता है।

ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच हेम पुष्पा से बात की तो उन्होंने जय अम्बे स्टोन क्रशर के संचालक से कहकर पानी टैंकर भेजने की व्यवस्था कराई है. लोगों को पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दिनों-दिन व्यवस्था बिगड़ती जा रही है.

ग्रामीण सुभाष का कहना है कि मार्च में होली के बाद से पानी की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जाती है. इस बार मई से ढोंढ़ी और कुआं सूखने के कगार पर आ गए हैं. ढोंढ़ी खटखरिहिा नाला में मझारीपारा मोहल्ले में बना हुआ है. यहां पर कुल 10 से 12 घर हैं.

ये भी पढ़ें Balodabazar: सुलझेगी बलौदाबाजार हिंसा की गुत्थी, सरकार ने 'दीपक' को सौंपी कमान, जानें नए कलेक्टर के बारे में सबकुछ

पड़ोसी जिला मुख्यालय जाकर ला रहे पानी 

वार्ड नंबर 8 में सुभाष के खेत में भी प्राइवेट ढोंढ़ी बनी हुई है, जो सूख चुकी है. इसे नरेगा से बनाया गया था. इस पर भी 10 परिवार के लोग आश्रित हैं. यही हाल वार्ड नबर 10 में है. जय सिंह के खेत में बनी ढोंढ़ी सूख चुकी है. यहां के 15 परिवार के लोग डेढ़ किमी दूर कोरिया में जाकर पैदल पानी भरकर लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं, रामप्रसाद के घर के पास भी बनी ढोंढ़ी सूख चुकी है. इस वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

ये भी पढ़ें Ashish Vidyarthi Birthday: वो एक्टर जो शूटिंग के दौरान डूबते-डूबते बचा, 200 से ज्यादा फिल्मों में कर चुका है काम

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Previous Article
PM मोदी इस दिन देंगे छत्तीसगढ़ को बड़ी सौगात, मंत्री श्याम बिहारी ने कहा ये होंगे लाभ
सूख गए जलस्त्रोत! बूंद-बूंद पानी को मोहताज हुए दर्जनों परिवार, प्यास बुझाने करनी पड़ रही ऐसी मशक्कत 
Inside story of the biggest encounter with Naxalites in Chhattisgarh in Abujhmad
Next Article
नक्सलियों की 'अबूझ राजधानी' में सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक: ग्राउंड जीरो आपको चौंका देगा
Close