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Bhilai Kalibadi: हाईकोर्ट पहुंचा हाउसिंग बोर्ड का मामला, MLA देवेंद्र यादव के भाई से जुड़ा है ये केस

Kalibadi Land Purchase Case: छत्तीसगढ़ में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव फिर चर्चा में हैं. इस बार उनके भाई से जुड़ा एक मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. ये केस जमीन खरीदी से जुड़ा है. कोर्ट ने इस पर सुनवाई की है और दो सप्ताह के अंदर अपनी बात रखने को कहा है.

Bhilai Kalibadi: हाईकोर्ट पहुंचा हाउसिंग बोर्ड का मामला, MLA देवेंद्र यादव के भाई से जुड़ा है ये केस

Housing Board Kalibadi Bhilai: कालीबाड़ी हाउसिंग बोर्ड (Kalibadi Housing Board) में जमीन खरीदी का मामला पहुंचा अब हाई कोर्ट पहुंच गया है. भिलाई विधायक देवेंद्र सिंह (MLA Devendra Singh) के बाद अब उनके भाई धर्मेंद्र सिंह के द्वारा खरीदी गई जमीन का मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंचा है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (High Court) में भिलाई के कालीबाड़ी हाउसिंग बोर्ड की जमीन से संबंधित मामले में विधायक देवेंद्र यादव के भाई धर्मेंद्र यादव के खिलाफ दायर की गई थी. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई.

क्या था मामला?

तीन लोगों ने हाउसिंग बोर्ड में जमीन खरीदी के मामले में खरीदी करता धर्मेंद्र यादव के खिलाफ तीन याचिकाएं दायर की थी. धर्मेंद्र यादव ने कालीबाड़ी हाउसिंग बोर्ड से 15,000 वर्ग फीट जमीन 2 करोड़ 52 लाख रुपये में खरीदा था. जिसके खिलाफ एक जनहित याचिका आम आदमी पार्टी के नेता मेहरबान सिंह द्वारा दायर की गई थी, जबकि अन्य दो याचिकाएं उदय सिंह और पीयूष मिश्रा द्वारा दाखिल की गई थीं. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जरूरत से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. याचिकाओं में यह भी दावा किया गया कि यह जमीन अत्यधिक सस्ते दामों पर खरीदी गई थी. इस विवाद ने राजनीतिक और कानूनी विवाद को जन्म दिया, जिसके चलते यह मामला हाई कोर्ट में पहुंचा.

कोर्ट में क्या हुआ?

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई की. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुना और याचिकाकर्ताओं को संबंधित प्राधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता और जनहित याचिका में हस्तक्षेपकर्ता को दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा, जिसके बाद संबंधित प्राधिकारी को छह सप्ताह के भीतर इस मामले का निराकरण करना होगा. इसके अलावा, आठ सप्ताह तक जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिसका मतलब यह है कि फिलहाल किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की जाएगी.

इस पर सभी याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर अधिकृत प्राधिकारी के समक्ष अपनी बात रखनी होगी. प्राधिकारी को छः सप्ताह के भीतर निर्णय लेना है. फिलहाल, आठ सप्ताह तक किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा .

इस मामले को न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है, क्योंकि इसमें भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव के भाई धर्मेंद्र यादव की संलिप्तता है. जो राजनीति से जुड़े हुए हैं.

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