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रेलवे के बॉक्सिंग रिंग में शराब पार्टी; बिलासपुर हाईकोर्ट का कड़ा रुख, कहा- यह आचरण “घोर कदाचार”

Railway Boxing Ring Scandal के वायरल वीडियो पर Bilaspur High Court ने सख्त रुख अपनाते हुए इसे “घोर कदाचार” करार दिया है. SECR के अधिकारियों पर शराब पार्टी आयोजित करने का आरोप है. कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले जांच रिपोर्ट और कार्रवाई का ब्योरा मांगा है.

रेलवे के बॉक्सिंग रिंग में शराब पार्टी; बिलासपुर हाईकोर्ट का कड़ा रुख, कहा- यह आचरण “घोर कदाचार”

Railway boxing ring scandal: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) का बॉक्सिंग रिंग जहां खिलाड़ी अभ्यास करते हैं, वहां शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद मामला सीधे बिलासपुर हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. अदालत ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया और तुरंत जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू कर दी. अदालत ने साफ कहा कि खेल मैदानों को मयखाने में बदलना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मामला कैसे सामने आया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह शराब पार्टी रेलवे के स्पोर्ट्स सेल प्रमुख श्रीकांत पहाड़ी और कोच देवेंद्र यादव के जन्मदिन पर आयोजित की गई थी. इस पार्टी में अन्य कोच और कुछ खिलाड़ियों को भी बुलाया गया था. बॉक्सिंग रिंग के अंदर मछली फ्राई और चिकन जैसे व्यंजन बनाए गए और उसके बाद खुलेआम शराब व बीयर परोसी गई.

वायरल हुआ वीडियो, मचा हड़कंप

पार्टी के दौरान मौजूद कुछ लोगों ने तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए. देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद रेलवे विभाग के साथ-साथ आम जनता में भी नाराजगी फैल गई. खेल स्थल पर इस तरह की हरकत को लेकर लोग सवाल उठाने लगे.

हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी

मामला जैसे ही अदालत के संज्ञान में आया, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी. डी. गुरु की बेंच ने इसे “घोर कदाचार” करार दिया. अदालत ने कहा कि ट्रेनिंग स्थल को शराब पार्टी की जगह बनाना अनुशासन और सार्वजनिक मर्यादा का खुला उल्लंघन है. इससे खेल स्थलों की पवित्रता को नुकसान पहुंचता है.

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रेलवे प्रशासन को दी गई सख्त चेतावनी

सुनवाई के दौरान SECR के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत से जुड़े और जांच के लिए समय मांगा. हाईकोर्ट ने उन्हें आदेश दिया कि अगली सुनवाई से पहले जांच रिपोर्ट और दोषियों पर की गई या प्रस्तावित कार्रवाई का शपथ पत्र प्रस्तुत किया जाए.

31 अक्टूबर की सुनवाई पर नजर

हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर तय की है. अब यह देखना होगा कि रेलवे इस संवेदनशील मामले पर कितनी सख्त कार्रवाई करता है और क्या दोषी अधिकारियों पर कड़ा कदम उठाया जाता है.

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