विज्ञापन

छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट से फटकार, रिटायर्ड इंस्पेक्टर से विभाग नहीं कर सकता वसूली; ड्यूस का तत्काल करें भुगतान

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में रिटायर्ड इंस्पेक्टर से वसूली के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस केस में रिटायर्ड इंस्पेक्टर व्यासनारायण भारद्वाज ने याचिका दायर की थी. मामले में वसूली के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी.

छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट से फटकार, रिटायर्ड इंस्पेक्टर से विभाग नहीं कर सकता वसूली; ड्यूस का तत्काल करें भुगतान

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर से वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है. पुलिस इंस्पेक्टर व्यासनारायण भारद्वाज जांजगीर-चांपा में निरीक्षक के पद पर पदस्थ रहे हैं. 30 जून, 2022 को व्यासनारायण निरीक्षक के पद से रिटायर हो गए. सेवानिवृत्ति के बाद व्यासनारायण को सेवाकाल के दौरान विभागीय भविष्य निधि खाते में अधिक भुगतान का हवाला देते हुए भुगतान की राशि वसूली का आदेश जारी किया गया था. इस आदेश के खिलाफ व्यासनारायण ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अब इस वसूली आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.

जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच ने गृह विभाग को फटकार लगाते हुए याचिकाकर्ता के रिटायरमेंट ड्यूस की राशि का तत्काल भुगतान का निर्देश दिए हैं.

रिकवरी नोटिस को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में दायर की याचिका

पुलिस इंस्पेक्टर व्यासनारायण भारद्वाज ने गृह विभाग की ओर से जारी रिकवरी नोटिस को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. दायर याचिका में उन्होंने कहा कि वो जिला जांजगीर-चांपा में निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे. 30 जून, 2022 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद रिटायर हो गए. रिटायरमेंट के 2 साल बाद भी उनके समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान नहीं किया गया.  इसके बाद अधिकारियों ने सेवा के दौरान अधिक राशि का भुगतान करने की जानकारी देते हुए रिकवरी नोटिस जारी कर दिया. नोटिस में ये भी कहा गया कि जब तक रिकवरी नहीं कर ली जाती, तब तक रिटायरमेंट ड्यूस की राशि नहीं दी जाएगी.

गृह विभाग नहीं कर सकता वसूली

वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टेट ऑफ पंजाब वर्सेस रफीक मसीह के केस का जिक्र किया. उसके अलावा साल 2022 में थॉमस डेनियल वर्सेस स्टेट ऑफ केरला और अन्य के वाद में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था. निर्णय के अनुसार, किसी भी तृतीय श्रेणी के सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति देयक से किसी भी तरह की वसूली नहीं की जा सकती. 

ये भी पढ़े: कक्षा 3 में रीना की 'अहमद' को चिट्ठी, NCERT के खिलाफ पहुंची ‘लव-जिहाद' की शिकायत

अफसरों ने किया नियमों का उल्लंघन

याचिकाकर्ता 30 जून, 2022 को पुलिस इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन नियम) 1976 के नियम 9 के तहत कोई शासकीय अधिकारी या कर्मचारी सेवानिवृत्ति तिथि को ही समस्त सेवानिवृत्ति देयक पाने का हकदार है. याचिकाकर्ता ने मामले में उक्त नियम 9 का उल्लंघन करते हुए उसके समस्त सेवानिवृत्ति देयक को रोक लिया गया है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी वसूली आदेश पर रोक लगाते हुए  सेवानिवृत्ति देयक का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. 

ये भी पढ़े: 'नक्सलियों ने मेरे सामने बेटे की गर्दन काट दी और...' बस्तर में 'नक्सल क्रूरता' की कहानी पीड़ित की जुबानी

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
पिकनिक मनाने के बाद यहां आए थे युवक, नहाते हुए हमेशा के लिए एनीकट में समा गए
छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट से फटकार, रिटायर्ड इंस्पेक्टर से विभाग नहीं कर सकता वसूली; ड्यूस का तत्काल करें भुगतान
Jija went in Sasural in Balrampur Killed on the issue of Alcohol six others including minor found accused
Next Article
करमा नाचने ससुराल आया जीजा, लात-घूसों से पीट-पीटकर दामाद की ले ली जान
Close