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This Article is From Mar 20, 2024

Holi 2024: इस गांव में पंचांग के अनुसार नहीं मनाते होली, 5 दिन पहले ही खेल लेते हैं रंग-गुलाल

Holi News: ग्रामीणों ने बताया कि होली के त्योहार से पहले गांव के सभी लोगों की बैठक होती है. बैठक में होली की तैयारी को लेकर चर्चा होने के बाद सभी लोग त्योहार मनाते हैं. दिन में रंग-गुलाल खेल कर, फाग गीतों पर झूमने के बाद शाम को सब एक-दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां खाते हैं.

Holi 2024: इस गांव में पंचांग के अनुसार नहीं मनाते होली, 5 दिन पहले ही खेल लेते हैं रंग-गुलाल

Holi Celebration News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक गांव ऐसा है, जहां होली (Holi 2024) 5 दिन पहले ही मना ली गई है. यहां के लोगों ने बुधवार के दिन ही होली खेल (Holi Celebrate) ली है. लोग रंगों की मस्ती में नाचते-झूमते दिखे. जिस गांव में होली खेली गई है उसका नाम है अमरपुर. यह जिला मुख्यालय बैकुंठपुर (Baikunthpur) से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है. यहां के ग्रामीण 5 दिन पहले ही होली का त्यौहार (Festival of Colors) मना लेते हैं. इस गांव में होली का त्योहार पहले ही मनाने की प्रथा सालों से चली आ रही है. इस प्रथा को लेकर गांव में कई किस्से भी कहे जाते हैं.

Holi 2024: इस गांव में 5 दिन पहले ही होली मन गई.

Holi 2024: इस गांव में 5 दिन पहले ही होली मना ली गई.
Photo Credit: मनोज सिंह

ग्रामीणों का क्या कहना है?

ग्रामीणों का मानना है कि यदि वे हिंदू पंचांग के अनुसार होली के दिन खुशियां मनाएंगे तो गांव में कोई अप्रिय घटना घट जाएगी.

Holi 2024: इस गांव में 5 दिन पहले ही होली मना ली गई.

Holi 2024: इस गांव में 5 दिन पहले ही होली मना ली गई.
Photo Credit: मनोज सिंह

गांव के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि पूर्वजों के समय से ही गांव में होलिका दहन और होली 5 दिन पहले ही खेल ली जाती है. ग्रामीण बताते हैं कि पहले जब भी होली के दिन त्योहार मनाते थे. तब गांव में कोई अप्रिय घटना घट जाती थी. जिस कारण अब होली के त्योहार से 5 दिन पहले ही यहां होली मनाई जाती है.

त्योहार मनाने से पहले गांव के लोगों द्वारा मुर्गी का पूजन कर नकारात्मक शक्तियों को गांव से बाहर निकाला जाता है इसके बाद ग्रामीण त्यौहार मनाते हैं.

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बच्चों को बताते हैं पूर्वजों के किस्से

अमरपुर के ग्रामीण पूर्वजों द्वारा चलाई जा रही प्रथाओं को लेकर बेहद गंभीर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियम से ही गांव में अप्रिय घटना रुकी हुई है. नहीं तो त्योहार के दिन ही गांव में किसी की मौत हो जाती थी. ग्रामीण अपने आने वाली पीढ़ियों को भी पूर्वजों द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में बताते हैं. सालों से चली आ रही परंपरा ने गांव को एक अलग ही पहचान दे दी है. आसपास के क्षेत्र में अमरपुर गांव का नाम पंचांग से पहले होली मनाने के लिए जाना जाता है.

होली के पहले ग्रामीण करते हैं बैठक

ग्रामीणों ने बताया कि होली के त्योहार से पहले गांव के सभी लोगों की बैठक होती है. बैठक में होली की तैयारी को लेकर चर्चा होने के बाद सभी लोग त्योहार मनाते हैं. दिन में रंग-गुलाल खेल कर, फाग गीतों पर झूमने के बाद शाम को सब एक-दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां खाते हैं. वही हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार होने वाली होली के दिन गांव में कोई होली नहीं खेलता. गांव के लोग भी सालों से चली आ रही इस परंपरा को बचाए रखना चाहते हैं.

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