भारतमाला परियोजना (रायपुर–विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर) के भूमि अधिग्रहण घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने बुधवार को तीन पटवारियों को गिरफ्तार कर रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया. गिरफ्तार आरोपियों में दिनेश पटेल (नायकबांधा का पटवारी), लेखराम देवांगन (टोकरो का पटवारी) और बसंती घृतलहरे (भेलवाडीह) शामिल है. आरोपियों पर वर्ष 2020-2024 के दौरान मुआवजा वितरण में गड़बड़ी, बैक-डेट (पिछली तारीख) में बंटवारा-नामांतरण और सरकार को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है.
आरोपपत्र में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के साथ भारतीय दंड संहिता की धाराएं समेत कई धाराएं शामिल की गई हैं. ईओडब्ल्यू के आरोप हैं कि प्रभावित भूमि को दोबारा बेचकर, गलत मुआवजा देकर और खातों में कूटरचित बंटवारा कर भ्रष्टाचार किया गया.
हाईकोर्ट की रोक हटने के बाद गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, कुछ आरोपियों के खिलाफ पहले कोर्ट वारंट जारी कर कुर्की-उद्घोषणा भी कर चुका था, लेकिन उच्च न्यायालय ने एक समय के लिए इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. 28 अक्टूबर 2025 को उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी, जिसके बाद बुधवार को इन्हें हिरासत में लेकर विशेष न्यायालय में पेश किया गया. मामले के अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है.
EOW पहले 7500 पन्नों चार्जशीट कर चुकी है पेश
ईओडब्ल्यू पहले भी इस प्रकरण में करीब 7,500 पृष्ठों का पहला आरोपपत्र विशेष न्यायालय में दायर कर चुकी है, जिसमें 10 से अधिक नाम दर्ज थे और लगभग 32 करोड़ रुपये से जुड़े मुआवजे की गड़बड़ी का खुलासा किया गया था. उस चालान में कई राजस्व अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के नाम शामिल थे, अनेक आरोपी उस समय फरार बताए गए थे.
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