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राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के CMD की CG के अधिकारियों से हुई मुलाकात, कोल खनन को चालू करने की मांग की

बता दें कि राजस्थान में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आधी आपूर्ति छत्तीसगढ़ में निगम को आवंटित खदानों से होती है, लेकिन बीते दो साल से राजस्थान को अपने संयंत्र चलाने में कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

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राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के CMD की CG के अधिकारियों से हुई मुलाकात, कोल खनन को चालू करने की मांग की
प्रतीकात्मक फोटो

Rajasthan Government Coal Mines in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद 'हसदेव बचाओ' (Hasdeo Bachao) के नाम पर शुरू हुई राजनीति के बीच राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम (Rajasthan State Electricity Generation Corporation) के CMD आर के शर्मा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) पहुंचे. आरके शर्मा ने छत्तीसगढ़ के आला अधिकारियों (Chhattisgarh Officials) से बात कर राजस्थान विद्युत निगम को आवंटित खदान में कोल खनन (Coal Mining) को सुचारू रूप से चालू करने की मांग की. जिस पर अधिकारियों ने सकारात्मक कदम उठाने की बात कही.

राजस्थान में बिजली संकट गहराने की आशंका

आरके शर्मा ने NDTV से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आधी आपूर्ति छत्तीसगढ़ में निगम को आवंटित खदानों से होती है, लेकिन बीते दो साल से राजस्थान को अपने संयंत्र चलाने में कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान सरकार के 4350 मेगावाट के तीन पावर प्लांट छपरा, कालीसिंध और सूरतगढ़ पावर प्लांट का उत्पादन छत्तीसगढ़ के कोयले पर निर्भर है. 

दरअसल साल 2007 में केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को कोल ब्लॉक आवंटित किए थे, जिसमें कोयला खनन हो रहा था. इन खदानों से कोयला आपूर्ति होनी थी इसलिए राजस्थान सरकार ने 35 से 40 हजार करोड़ की लागत के पॉवर प्लांट स्थापित किए, लेकिन सरगुजा में आवंटित खदान परसा ईस्ट केते बासन में हो रहे खनन कार्य का कुछ एनजीओ और लोगों के द्वारा विरोध किया जा रहा है.

CM भजन लाल ने मुख्यमंत्री साय को लिखा पत्र

राजस्थान में बिजली संकट के गहराने के आशंका के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) को पत्र लिखकर परसा ईस्ट केते बासन एक्सटेंशन को निर्वाध रूप से संचालित करने के लिए सहयोग मांगा है. इससे पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी छत्तीसगढ़ के दौरे पर आये थे और उन्होंने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से खदान चालू कराने का आग्रह किया था. अब दोनों ही राज्यों में सरकार बदलने के बाद एक बार फिर राजस्थान विद्युत् निगम के सीएमडी आर के शर्मा छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. उन्होंने मंत्रालय में अधिकारियों से मुलाकात कर कोयला उत्पादन में आ रही परेशानियों पर चर्चा की और उसे निराकरण करने की मांग की.

एक पेड़ की जगह 10 पेड़ का किया रोपन

राजस्थान विद्युत निगम के सीएमडी आर के शर्मा का कहना है कुछ एनजीओ पेड़ कटाई के विरोध में माइनिंग में बाधा डालना चाहते हैं, जबकि बांध निर्माण में लोगों को विस्थापित किया जाता है. पेड़ डूबान क्षेत्र में आते हैं सड़क निर्माण में भी पेड़ कटते हैं. विरोध कर रहे एनजीओ को समझना चाहिए कि विकास के लिए पेड़ तो काटेंगे, लेकिन उसकी जगह नए पेड़ लगाए जा रहे हैं. एक पेड़ कटता है तो 10 पेड़ लगाए जाते हैं. राजस्थान विद्युत निगम ने अकेले 4 लाख पेड़ लगाए हैं और वन विभाग के साथ मिलकर 39 लाख पेड़ का रोपड़ किया जा चुका है.

हर साल 1000 करोड़ का मिलता है राजस्व

सरगुजा की परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक से छत्तीसगढ़ सरकार को सेवा कर, रोयल्टी, जिला खनिज निधि, एनएमईटी, वन कर समेत अन्य उप कर से हर साल 1000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. इसके साथ ही सरगुजा क्षेत्र के 5000 युवाओं को रोजगार मिला है. राज्य सरकार को अब तक 7000 करोड़ का राजस्व मिल चुका है.

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